बागपत। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शनिवार को किसानों के मुद्दे पर एक बार फिर मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि उनसे इस विषय पर चुप रहने की ताकीद कर कहा गया था कि चुप रहने पर उन्हें राष्ट्रपति बना दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में बागपत के चांदीनगर थाना क्षेत्र के घिटौरा गांव में आयोजित किसान मजदूर सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे मलिक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर किसानों के प्रति संवेदनशील नहीं होने तक का आरोप लगा दिया। उन्होंने कहा कि मुझे भी चुप रहने को कहा गया था कि चुप रहोगे तो राष्ट्रपति हो जाओगे। मलिक ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बने कानून को लेकर केन्द्र सरकार पर ईमानदारी नहीं दिखाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री में किसानों के प्रति कोई संवेदना नहीं है।
उन्होंने सरकार से सवालिया लहजे में कहा कि प्रधानमंत्री में किसानों के प्रति कोई संवेदना नहीं है। किसान जो पैदा करता है, उसका दाम घटा रहे है और जो खरीदता है, उसका दाम बढ़ा रहे हैं। ऐसे में किसान की आमदनी दोगुनी कहां से करेगी सरकार? केन्द्र सरकार को देश के किसानों पर कोई रहम नहीं है। मुझे कोई कुत्ते ने नहीं काटा, जो गर्वनर रहते हुए सरकार से पंगा लूं।
मलिक ने कहा कि सरकार ने एमएसपी पर बने कानून को लेकर ईमानदारी नहीं दिखाई है। किसानों का एमएसपी कानून वापस होने तक गुजारा नहींं है, इसलिए सरकार एमएसपी को लेकर अपनी नीयत साफ करे। सरकार ने एमएसपी पर बने कानून को लेकर ईमानदारी नहीं दिखाई है। एमएसपी की गारंटी मिले बिना किसानों का गुजारा नहीं हो सकता है।
उन्होंने सरकार को आगाह भी किया कि किसानों को कोई बेचारा न समझे। यह वही किसान हैं, जिन्होंने देश की आजादी में अपनी अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि एमएसपी पर सरकार की नीयत साफ नहींं है। सरकार में मैं भी हूं, लेकिन किसानों के हित की आवाज मैं हमेशा उठाता रहूंगा। मलिक ने कहा कि जब किसान 13 महीने तक दिल्ली में आन्दोलन कर रहे थे, तो 700 किसानों की जान गई, इससे उन्हें बहुत दुःख पहुंचा। देश के उच्च पदों पर बैठे लोग किसी जानवर के मरने पर संवदेना जताते हैं, लेकिन किसानों के मरने पर संवेदना के दो शब्द भी किसी के मुंह से नहीं निकलते हैं।
मलिक ने कहा कि चौधरी चरण सिंह कहा करते थे कि अगर किसान कौम एक हो गई तो दिल्ली पर राज किसान का ही रहेगा। किसान मिलकर लड़ाई लड़े, देश पर राज किसानों का ही होगा। किसानों के पास खेती, जमीन और आर्मी की भर्ती ही तो थी, अब ये भी हाथ से चली गई। सम्मेलन की अध्यक्षता किसान मजदूर सम्मेलन के अध्यक्ष हरबीर नागर व संचालन करतार सिंह ने किया।