इस्लामाबाद। पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान की सिविल सेवाओं में कम से कम राजनीतिक हस्तक्षेप और देश के विकास के लिए उन्हें खुलकर काम करने संबंधी बयान से नौकरशाही का मनोबल काफी बढ़ा है।
द डान की एक रिपोर्ट के अनुसार खान ने इस्लामाबाद में शुक्रवार को सिविल सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि हम ब्यूरोक्रेसी में मेरिट के आधार पर सिविल सेवकोेें को आगे बढ़ाएंगे और इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप बिल्कुल भी नहीं होगा।
जब सिविल सेवकों का प्रदर्शन मेरिट के आधार पर रहता है तो वे खुद ही अपने क्षेत्र में शीर्ष स्थान हासिल कर लेते हैं। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि आप लोगों पर किसी तरह का कोई राजनीतिक दबाव नहीं रहेगा और कामकाज में कोई हस्तक्षेप भी नहीें किया जाएगा।
उन्होेंने कहा कि अधिकारियाें के बार बार हाेने वाले तबादलों से उनका मनोबल गिरता है और यह सरकार के लिए सबसे अधिक नुकसानदायक रहता है। उन्होंने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और नौकरशाही के वेतनमान में इजाफे के बारे में उन्हें आश्वासन दिया।
खान ने कहा कि मैं एक रिपोर्ट पढ़ रहा था कि 1935 में एक आयुक्त अपने वेतन से 70 ताेला सोना खरीद सकता था लेकिन मेरे पिताजी जो 1970 में सरकारी इंजीनियर थे, वह एक माह की तनख्वाह में मात्र एक कार ही खरीद सके थे।
इसमें काेई दो राय नहीें है कि नौकरशाहों का वेतन अच्छा रहता है अौर इसी वजह से कोई उन्हें किसी तरह का लालच भी नहीं दे सकता है लेकिन इस समय आपके वेतनमान ज्यादा बेहतर नहीं है और हम इनमें इजाफा करने पर विचार कर रहे हैं।
आप लोगों को देश की अार्थिक स्थिति की अच्छी जानकारी है लेकिन मैं यही कहूंगा कि इस कठिन समय को झेलना होगा अौर हमेशा ऐसा नहीं होगा। सभी देश प्रगति की राह पर एकदम नहीं बढ़ पाते हैं और अभी हमारी प्रगति नकारात्मक कही जा सकती है लेकिन देश में आगे जाने की बहुत क्षमता है लेकिन हम सब को मिलकर इस दिशा में काम करना हाेगा।