अजमेर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वी जयंती समारोह के तहत आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘स्वच्छता ही सेवा’ पखवाड़े की शुरुआत की। इसके पहले दिन उन्होंने ने राजस्थान के अजमेर और माउंट आबू सहित देश के 17 स्थानों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीधा संवाद किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के ‘आइकॉनिक स्थानों’ पर संवाद के तहत अजमेर स्थित महान सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह से जुड़े खादिमों की दोनों संस्थाओं अंजुमन सैयद जादगान एवं अंजुमन शेखजादगान के सदर क्रमशः सैयद मोईन हुसैन चिश्ती एवं अब्दुल जरार चिश्ती से बातचीत कर इस शहर को स्मार्ट सिटी बनाने एवं पर्यावरण संतुलन के तहत स्वच्छ शहर के निर्माण का आह्वान किया।
इस सवांद में मोइन हुसैन ने प्रधानमंत्री को कहा कि ख्वाजा का भारत महान है और अब स्वच्छ भारत का जुड़ जाना प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता का परिचायक है। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि उनके स्वच्छता के आह्वान का असर न केवल आम लोगों पर बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों पर भी पड़ रहा है जिससे जागरुकता बढ़ रही है। उन्होंने वजीर-ए-आजम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि देश के वे पहले प्रधानमंत्री है जो सीधे वीसी के माध्यम से आवाम से गुफ्तगू कर रहे है। इससे पूरे देश को खुशी व गर्व महसूस हो रहा है।
उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ख्वाजा के दरबार में हाजिरी लगाने का भी शुक्रिया अदा किया।साथ ही प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि अल्पसंख्यक मामलातों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने दरगाह विकास और स्वच्छता के क्रम में एक कदम आगे बढ़ाकर तीर्थराज पुष्कर से आने वाले गुलाब के फूल जो कि ख्वाजा साहब की मजार पर अकीदतमंदों के द्वारा चढ़ाए जाते हैं के उपयोग के लिए उससे खाद बनाने के काम को अमलीजामा पहनाया है।
अंजुमन शेखजादगान के सदर जरार चिश्ती ने भी प्रधानमंत्री का इस वीसी के जरिए जुड़ने पर आभार प्रकट किया और दरगाह के लिए हिन्दुस्तान जिंक से जोड़कर दरगाह की स्वच्छता पर सरकार के प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि दरगाह से जाने वाला स्वच्छता का संदेश विश्व स्तर पर फैलेगा।
संवाद में दोनों सदर की बात सुनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने प्रेरणा देते हुए कहा कि स्वच्छता के लिए आस्था और पर्यावरण में संतुलन बनाना आवश्यक है।
उल्लेखनीय है कि पंडित रविशंकर ने भी अपने संवाद के दौरान दरगाह शरीफ के फूलों के जरिए खाद निर्मित करने के प्रयासों की प्रशंसा करी। प्रधानमंत्री के साथ इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में केवल दो ही अतिथियों को मौका दिया गया। यहां दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन एवं दरगाह कमेटी सदर अमीन पठान को भी आमंत्रित नहीं किया गया।
प्रधानमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग दरगाह स्थित महफिलखाने की छत पर कड़ी सुरक्षा की बीच आयोजित की गई। इस दौरान जिला कलेक्टर आरती डोगरा, अतिरिक्त जिला कलेक्टर अबूसुफियान चौहान, प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी तेजस्वी राना, दरगाह नाजिम आईबी पीरजादा एवं पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
इधर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आज अजमेर दरगाह शरीफ पर की गई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन को आमंत्रित नहीं करने पर उनके पक्ष की ओर से एतराज उठाया गया है।