फिरोजपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज खराब मौसम के बीच विशेष विमान से बठिंडा पहुंचे और रैली में पहुंचने से पहले हुसैनीवाला बार्डर पर शहीद भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव के स्मारक पर जाकर तीनों भारत माता के महान सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की। बारिश के बीच वे रैली में जाने के बजाय वहीं से दिल्ली के लिए लौट गए।
यहां प्राप्त जानकारी के अनुसार बठिंडा हवाई अड्डे पहुंचने पर पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने उनका स्वागत किया। वहां से वे खराब मौसम के बीच सड़क मार्ग से फिरोजपुर के लिए रवाना हुए। रैली को संबोधित करने से पहले मोदी हुसैनीवाला बार्डर गए जहां तीनों महान शहीदों को पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। बारिश के कारण वे रैली में शामिल होने के बजाय दिल्ली के लिए लौट गए।
मोदी को आज फिरोजपुर रैली के जरिये चुनावी बिगुल फूंकना था और कई करोड की विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखनी थी। किसान आंदोलन के समाप्त होने के बाद उनका यह पहला पंजाब दौरा है। अभी यह मालूम नहीं चला है कि मोदी का आगे पंजाब दौरा कब होने की संभावना है।
रैली में भाजपा गठबंधन के सहयोगी दल के नेता पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, फतेहजंग बाजवा मौजूद थे। अकाली दल (संयुक्त) के राष्ट्रीय प्रधान सुखदेव सिंह ढींढसा की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आने के कारण वो बीच रास्ते से लौट गए।
किसान संगठनों ने मोदी के पंजाब दौरे का कई जगह विरोध किया और अमृतसर, तरनतारन सहित कई इलाकों से रैली में बसों से आ रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को रोक लिया। कहीं कहीं भाजपा कार्यकर्ता तथा किसान नेता आमने सामने डट गए।
रैली रद्द होने का कारण मौसम की बेवफाई मानी जा रही है क्योंकि बारिश के कारण हजारों की संख्या बिछी कुर्सियां खाली पड़ी थीं और जितनी भीड़ जुटने की उम्मीद जताई जा रही थी वो उम्मीद के मुताबिक नहीं थी।
रैली को संबोधित करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस लोगों को गुमराह कर रही है क्योंकि उनके पास मतदाता के पास जाने के लिए कुछ मुद्दे नहीं। पंजाब को मजबूत बनाने के लिए भाजपा से गठबंधन लाजिमी था। सरहदी राज्य होने के कारण पंजाब की सुरक्षा सबसे अहम है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पल्ले कुछ नहीं इसलिए केवल वोटों की सियासत कर रही है। उन्होंने कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र के बारे में कहा कि कांग्रेसी कह रहे हैं कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पिछले साढ़े चार किया कुछ नहीं, इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाना पड़ा। मैं उनसे पूछता हूं कि फिर लोगों के बीच जाकर कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों के नाम पर वोट क्यों मांग रहे हो। साढ़े चार साल तो मैंने सरकार चलायी। मैंने मुख्यमंत्री पद छोड़ने से पहले चुनाव घोषणापत्र के 92 प्रतिशत वादे पूरे कर दिए थे।