नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के लक्ष्य को पूरा करने में नीति आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका बताते हुए शनिवार को कहा कि वर्ष 2024 तक देश को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य चुनौतिपूर्ण, लेकिन हासिल करने योग्य है।
मोदी ने राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केन्द्र में आयोजित नीति आयोग की संचालन परिषद की पांचवी बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आय और रोजगार बढ़ाने के लिए निर्यात क्षेत्र बहुत मत्वपूर्ण है और राज्यों को निर्यात संवर्धन पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में हाल ही संपन्न आम चुनाव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अब सभी को देश के विकास के लिए काम करने का समय है।
उन्होंने गरीब, बेरोजगारी, सूखा, बाढ़, प्रदूषण, भ्रष्टाचार और हिंसा आदि से सबको मिलकर लड़ने की अपील करते हुए कहा कि टीम इंडिया के इस मंच पर हर किसी का एक ही लक्ष्य वर्ष 2022 तक नये भारत का निर्माण करना है। स्वच्छ भारत अभियान और प्रधानमंत्री आवास योजना को मिली सफलता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य के साथ मिलकर काम करने से यह सफल हो सका है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सशक्तीकरण और जीवनयापन में सुगमता प्रत्येक भारतीय को उपलब्ध कराना होगा। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के लिए निर्धारित लक्ष्यों को दो अक्टूबर तक पूरा किया जाना चाहिए और देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के लिए निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए काम शुरू किया जाना चाहिए।
उन्होंने लघुकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्यों को हासिल करने पर सामूहिक रूप से ध्यान केन्द्रित किये जाने पर जोर देते हुए कहा कि देश को वर्ष 2024 तक पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है जाे चुनौतीपूर्ण है, लेकिन इसको हासिल किया जा सकता है। उन्होंने राज्यों को अपनी प्रमुख क्षमता को पहचानने की सलाह देते हुए कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बढ़ाने की पहल जिला स्तर से शुरू की जानी चाहिए।
मोदी ने विकासशील देशों के लिए निर्यात को महत्वपूर्ण घटक बताते हुये कहा है कि प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के लिए केन्द्र और राज्य दोनों को इसे बढ़ाने पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर सहित कई राज्यों में निर्यात की अपार संभावना है जिसका अब तक दोहन किया ही नहीं गया है। राज्य स्तर पर निर्यात को बढ़ावा दिये जाने से आय और रोजगार दोनों में ही बढोतरी होगी।
प्रधानमंत्री ने पानी को जीवन के लिए महत्वपूर्ण घटक बताते हुये कहा है कि अपर्याप्त जल संरक्षण का असर गरीब पर पड़ता है। जल शक्ति मंत्रालय का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि यह मंत्रालय जल को लेकर एकीकृत पहल करेगा। जल संरक्षण और प्रबंधन पर जोर देते हुए उन्होंने राज्यों से अपील की कि उपलब्ध जन संसाधन का बेहतर प्रबंधन अतिमहत्वपूर्ण है।
देश के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक घर को वर्ष 2024 तक पाइप से जलापूर्ति के लक्ष्य का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि जल संरक्षण और जल स्तर को बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है। जल संरक्षण और प्रबंधन की दिशा में कई राज्यों द्वारा किये जा रहे कार्याें की सराहना करते हुये मोदी ने कहा कि जल संरक्षरण और प्रबंधन के लिए आदर्श नियम बनाये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत जिला सिंचाई योजना सावधानीपूर्वक क्रियान्वित की जानी चाहिए।