नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योग जगत से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उद्यमियों से वहां के स्थानीय उत्पादों को दुनिया भर में पहुंचाने तथा वहां प्रौद्योगिकी के विस्तार की अपील की ताकि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और रोजी-रोटी के अवसर बढ़ें।
मोदी ने राष्ट्र के नाम टेलीविजन पर गुरुवार रात जारी एक विशेष संबोधन में जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाने और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के सरकार के फैसले के पीछे रही सोच के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के केसर का रंग हो या कहवा का स्वाद, सेब का मीठापन हो या खुबानी का रसीलापन, कश्मीरी शॉल हो या फिर कलाकृतियां, लद्दाख के जैविक उत्पाद हों या हर्बल मेडिसिन, इसका प्रसार दुनिया भर में किये जाने का जरूरत है।
उन्होंने कहा कि ऐसे अनगिनत पौधे, हर्बल उत्पाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बिखरे पड़े हैं। जब उनकी पहचान होगी, उनकी बिक्री होगी तो इसका बहुत बड़ा लाभ वहां के लोगों को, विशेषकर किसानों को, मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसलिए मैं देश के उद्यमियों का, निर्यात से जुड़े लोगों का, खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े लोगों का आह्वान करता हूं कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के स्थानीय उत्पादों को दुनिया भर में पहुंचाने के लिए आगे आएं।
मोदी ने कहा कि लद्दाख में सोलो नाम का एक पौधा पाया जाता है। यह पौधा बेहद ऊंचाई पर रहने वालों के लिए, बफीर्ली पहाड़ियों पर तैनात सुरक्षा बलों के लिए संजीवनी का काम करता है। कम ऑक्सीजन वाली जगह पर शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता को संभाले रखने में इसका योगदान है। उन्होंने सवाल किया कि ऐसी अदभुत चीज दुनिया भर में बिकनी चाहिए कि नहीं? कौन हिंदुस्तानी ऐसा नहीं चाहेगा?
उन्होंने प्रौद्योगिकी की दुनिया से जुड़े लोगों से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में उसके विस्तार की अपील की। उन्होंने कहा “जो प्रौद्योगिकी की दुनिया से जुड़े लोग हैं, चाहे प्रशासन में हों या अन्यत्र, उनसे भी मेरा आग्रह है कि अपनी नीतियों और अपने फैसलों में इस बात को प्राथमिकता दें कि जम्मू-कश्मीर में कैसे प्रौद्योगिकी का विस्तार किया जाए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख के नौजवान तेजस्वी हैं, ओजस्वी हैं और अंग्रेजी भाषा के साथ जुड़े हुये हैं। जब वहां बीपीओ केंद्र और कॉमन सर्विस सेंटर बनेंगे तो प्रौद्योगिकी का जितना ज्यादा विस्तार होगा, उतना ही जम्मू-कश्मीर के भाई-बहनों का जीवन आसान होगा, उनकी आजीविका और रोजीरोटी कमाने के अवसर बढ़ेंगे।
लद्दाख के बारे में मोदी ने कहा कि अब वहां के लोगों का विकास केंद्र सरकार की स्वाभाविक जिम्मेदारी बनती है। स्थानीय प्रतिनिधियों तथा लद्दाख और करगिल के विकास परिषदों के सहयोग से केंद्र सरकार विकास की तमाम योजनाओं का लाभ अब और तेजी से पहुंचाएगी।
उन्होंने कहा कि लद्दाख में आध्यात्मिक पर्यटन, एडवेंचर पर्यटन और इको पर्यटन का सबसे बड़ा केंद्र बनने की क्षमता है। सौर ऊर्जा उत्पादन का भी लद्दाख बहुत बड़ा केंद्र बन सकता है। सौर विकिरण प्राप्त करने में लद्दाख की धरती देश में अव्वल स्थान पर है। अब वहां पर सामर्थ का उचित इस्तेमाल होगा और बिन भेदभाव विकास के लिए नये अवसर बनेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब लद्दाख के नौजवानों की नवाचारी मनोवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा उन्हें अच्छी शिक्षा के लिए बेहतर संसाधन मिलेंगे, वहां के लोगों को अच्छे अस्पताल मिलेंगे। बुनियादी ढांचों का और तेजी से आधुनिकीकरण होगा।