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वाराणसी में मोदी ने कविता पाठ कर बढ़ाया कार्यकर्ताओं का हौसला - Sabguru News
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वाराणसी में मोदी ने कविता पाठ कर बढ़ाया कार्यकर्ताओं का हौसला

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वाराणसी में मोदी ने कविता पाठ कर बढ़ाया कार्यकर्ताओं का हौसला

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं के समक्ष करीब एक घंटे से अधिक समय तक दिए भाषण के दौरान कविता पाठ कर उनकी हौसलाफजाई की और खूब तालियां बटोरीं।

उन्होंन कहा कि वो जो सामने मुश्किलों का अंबार है, उसी से तो मेरे हौसलों की मीनार है। चुनौतियों को देखकर, घबराना कैसा। इन्हीं में तो छिपी संभावना अपार है। विकास के यज्ञ में जन-जन के परिश्रम की आहुति, यही तो मां भारती का अनुपम श्रृंगार है।

अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बड़ालालपुर स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्यय हस्तकला संकुल में आयोजित भाजपा के राष्ट्रीय सदस्यता अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने अपने भाषण को केंद्रीय बजट पर केंद्रित रखा।

मोदी ने शुक्रवार को लोक सभा में पेश किए गए बजट में देश को पांच ट्रिलियन इकॉनॉमी की श्रेणी में लाने के संकल्प पर संदेह करने वालों पर जमकर हमला किया। इसी दौरान उन्होंने कविता पाठ कर कार्यकर्ताओं की हौसला आफजाई की। चंद पंक्तियों के कविता पाठ के दौरान कार्यकर्ताओं ने जोरदार तालियां बजाईं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने कल बजट पेश किया था। बजट के बाद सभी को हमारी मंशा स्पष्ट हो गई होगी। हमारा देश तो पहले भी चला और आगे भी बढा, लेकिन अब ‘न्यू इंडिया’ दौड़ने को बेताब है। इसी को लेकर हमारी तैयारी है। पांच ट्रिलियन इकॉनमी को देश कैसे पा सकता है इसकी दिशा हमने दिखाई है।

मोदी ने अंग्रेजी की कहावत ‘साइज ऑफ केक मैटर्स’ का जिक्र करते हुए उसका मतलब हिंदी में समझाते हुए कहा कि जितना बड़ा केक होगा, उसका उतना ही बड़ा हिस्सा लोगों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमने भारत की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने पर जोर दिया है। इसमें बात होगी हौसलों की, नई संभावनाओं की, विकास के यज्ञ की, मां भारती की सेवा की और न्यू इंडिया के सपने की।

उन्होंने कहा कि जितने भी विकसित देश हैं, उनमें ज्यादातर के इतिहास को देखें, तो एक समय में वहां भी प्रति व्यक्ति आय बहुत ज्यादा नहीं होती थी लेकिन इन देशों के इतिहास में एक दौर ऐसा आया, जब कुछ ही समय में प्रति व्यक्ति आय ने जबरदस्त छलांग लगाई। यही वो समय था, जब वो देश विकासशील से विकसित यानि डेवेलपिंग से डेवलप्ड की श्रेणी में आ गए।

जब किसी भी देश में प्रति व्यक्ति आय बढ़ती है तो वो खरीद की क्षमता बढ़ाती है। खरीद की क्षमता बढ़ती है तो मांग बढ़ती है। मांग बढ़ती है तो सामान का उत्पादन भी बढ़ता है। सेवा का विस्तार होता है और इसी क्रम में रोजगार के नए अवसर बनते हैं। यही प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि, उस परिवार की बचत या सेविंग को भी बढ़ाती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वस्थ भारत के लिए आयुष्मान भारत योजना भी बहुत सहायक सिद्ध हो रही है। देश के करीब 50 करोड़ गरीबों के लिए हर वर्ष पांच लाख रुपए तक मुफ्त इलाज सुनिश्चित हो रहा है। अब तक लगभग 32 लाख गरीब मरीजों को इसका लाभ मिल चुका है।

पांच ट्रिलियन डॉलर के सफर को आसान बनाने के लिए हम स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत, सुंदर भारत बनाने पर भी फोकस कर रहे हैं। बीते वर्षों में स्वच्छता के लिए देश के हर नागरिक ने जो योगदान दिया है, उससे स्वस्थ भारत बनाने की हमारी कोशिश को बल मिला है।

उन्होंने कहा कि देश के हर घर को पानी मिल सके इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय बन चुका हैं, साथ ही जल शक्ति अभियान भी शुरू किया गया है। इस अभियान का बहुत बड़ा लाभ हमारी माताओं-बहनों को मिलेगा। जो पानी के लिए अनेक कष्ट उठाती हैं। जल संरक्षण और जल संचयन के लिए पूरे देश को एकजुट होकर खड़ा करने की कोशिश की जा रही है।

उन्होंने कहा कि हमारे सामने पानी की उपलब्धता से भी अधिक पानी की फिजूलखर्ची और बर्बादी बहुत बड़ी समस्या है। लिहाजा घर के उपयोग में या सिंचाई में पानी की बर्बादी को रोकना आवश्यक है।