Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
आजादी के बाद किसानों और मजदूरों के उत्थान के नाम पर खोखले नारे दिए गए : मोदी - Sabguru News
होम Breaking आजादी के बाद किसानों और मजदूरों के उत्थान के नाम पर खोखले नारे दिए गए : मोदी

आजादी के बाद किसानों और मजदूरों के उत्थान के नाम पर खोखले नारे दिए गए : मोदी

0
आजादी के बाद किसानों और मजदूरों के उत्थान के नाम पर खोखले नारे दिए गए : मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि आजादी के बाद दशकों तक किसान और श्रमिकों के उत्थान के नाम पर देश और राज्यों में अनेक सरकारें बनीं लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया।

मोदी ने जनसंघ के स्थापकों में से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसानों, मजदूरों और महिलाओं के उत्थान के नाम पर खोखले नारे दिए गए। उन्हें सिर्फ वादों और कानूनों में उलझा कर रखा गया। एक ऐसा जाल जिसको न तो किसान समझ पाता था और न ही श्रमिक।

उन्होंने कहा कि आजादी के कई दशकों तक किसान और श्रमिक के नाम पर खूब नारे लगे, बड़े-बड़े घोषणापत्र लिखे गए लेकिन समय की कसौटी ने सिद्ध कर दिया कि ये सारी बातें कितनी खोखली थीं। देश इन बातों को भली-भांति जानता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों, श्रमिकों और महिलाओं की ही तरह छोटे-छोटे स्वरोजगार से जुड़े लोगों का एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसा था जिसकी सुध कभी नहीं ली गई। रेहड़ी पटरी और फेरी पर काम करने वाले लाखों लोग जो आत्मसम्मान के साथ अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं उनके लिए भी सरकार ने पहली बार एक विशेष योजना बनाई है।

मोदी ने कहा कि जो पहले के श्रमिक कानून थे वे देश की आधी आबादी महिला श्रमशक्ति के लिए काफी नहीं थे। अब नए कानूनों से बहन -बेटियों को समान मानदेय दिया गया है और उनकी ज्यादा भागीदारी को सुनिश्चित किया गया है।

उन्होंने कहा कि जब-जब श्रमिकों ने आवाज़ उठाई तब-तब उनको कागज पर एक कानून दे दिया गया। आज जब देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक-एक देशवासी अथक परिश्रम कर रहा है तब गरीबों, दलितों, वंचितों, युवाओं, महिलाओं, किसानों, आदिवासी और मजदूरों को उनका हक देने का ऐतिहासिक काम हुआ है।

उन्होंने कहा कि किसानों से हमेशा झूठ बोलने वाले कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ की वजह से उन्हें भ्रमित करने में लगे हैं। ये लोग अफवाहें फैला रहे हैं। किसानों को ऐसी किसी भी अफवाह से बचाना भाजपा कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है। मोदी ने कहा कि हमें किसान के भविष्य को उज्ज्वल बनाना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों को कर्ज लेने की मजबूरी से बाहर निकालने के लिए सरकार ने अहम काम पूरी ताकत से शुरू किया है। अब दशकों बाद किसान को अपनी उपज पर सही हक मिल पाया है। कृषि में जो सुधार किए गए हैं उसका सबसे ज्यादा लाभ 85 प्रतिशत छोटे और सीमांत किसानों को मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के पिछले छह साल के कार्यकाल में किसान क्रेडिट कार्ड से किसानों को करीब 20 लाख करोड़ रुपए का ऋण दिया गया था। भाजपा सरकार के पांच वर्ष में किसानों को लगभग 35 लाख करोड़ रुपए के ऋण दिए गए हैं।

सरकार इस बात का भी प्रयास कर रही है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड हो और उन्हें खेती के लिए आसानी से कर्ज उपलब्ध हो। पहले सिर्फ उसी किसान को केसीसी का लाभ मिलता था जिसके पास दो हेक्टेयर जमीन हो। सरकार अब इसके दायरे में देश के हर किसान को ले आई है।

उन्होंने कहा कि बीते सालों में निरंतर प्रयास किया गया है कि किसान को बैंकों से सीधे जोड़ा जाए। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के 10 करोड़ से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में कुल एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रुपए दिए गए हैं। फसल लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया और उसमें रिकॉर्ड बढ़ोतरी की गई है और रिकॉर्ड सरकारी खरीद भी सुनिश्चित की गई है।

मोदी ने कहा कि किसानों को ऐसे कानूनों में उलझाकर रखा गया जिसके कारण वे अपनी ही उपज को अपने मन मुताबिक बेच भी नहीं सकते थे। नतीजा ये हुआ कि उपज बढ़ने के बावजूद किसानों की आमदनी उतनी नहीं बढ़ी। उन पर कर्ज जरूर बढ़ता गया।

उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल जी ही थे जिन्होंने भारत की राष्ट्रनीति, अर्थनीति और समाजनीति इन तीनों को अथाह सामर्थ्य के हिसाब से तय करने की बात मुखरता से कही थी और लिखी थी। गरीब, किसान, श्रमिक, महिलाएं, ये सभी आत्मनिर्भर भारत के मजबूत स्तंभ हैं। इसलिए, इनका आत्मसम्मान और आत्मगौरव ही आत्मनिर्भर भारत की प्राण-शक्ति है और प्रेरणा हैं। इनको सशक्त करते ही भारत की प्रगति संभव है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा वैचारिक तंत्र और राजनीतिक मंत्र साफ है। हम लोगों के लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। यही हमारा मंत्र है, यही हमारा कर्म है।