नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने महिलाओं के रोमांचक अभियानों की सराहना करते हुए आज कहा कि रोमांच से विकास का जन्म हाेता है और साहसिक कारनामों से कुछ अलग और नया करने की प्रेरणा मिलती है।
मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 44वें संस्करण में कहा कि अगर मानव जाति की विकास यात्रा देखें तो किसी-न-किसी रोमांच की कोख में ही प्रगति पैदा हुई है। विकास रोमांच की गोद में जन्म लेता है। उन्होेंने कहा कि कुछ कर गुजरने का इरादा, कुछ लीक से हटकर के करने का मायना, कुछ असाधारण करने की बात, मैं भी कुछ कर सकता हूं ये भाव, करने वाले भले कम हों, लेकिन उनसे युगों तक, कोटि-कोटि लोगों को प्रेरणा मिलती रहती है।
प्रधानमंत्री ने भारतीय नौसेना की छह जांबाज महिला अधिकारियों के तारिणी अभियान दल को बधाई देते हुए कहा कि यह विश्व में अपने आप में अकेली घटना है। उन्होेंने कहा कि नाविका सागर परिक्रमा, मैं उनके विषय में कुछ बात करना चाहता हूं। भारत की इन छह बेटी 250 से भी ज़्यादा दिन समुद्र के माध्यम से तारिणी में पूरी दुनिया की सैर कर 21 मई को भारत वापस लौटी हैं और पूरे देश ने उनका काफी गर्मजोशी से स्वागत किया।
मोदी ने कहा कि यह विश्व में अपने आप में एक पहली घटना थी। गत बुधवार को मुझे इन सभी बेटियों से मिलने का, उनके अनुभव सुनने का अवसर मिला। उन्होेंने कहा कि मैं एक बार फिर इन बेटियों को, उनके रोमांच को, नौसेना की प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए, भारत का मान-सम्मान बढ़ाने के लिए और विशेषकर दुनिया को भी लगे कि भारत की बेटियां कम नहीं हैं, ये सन्देश पहुंचाने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के चंद्रपुर के एक आश्रम-स्कूल के पांच आदिवासी बच्चों मनीषा धुर्वे, प्रमेश आले, उमाकान्त मडवी, कविदास कातमोड़े, विकास सोयाम का जिक्र किया और कहा कि इन आदिवासी बच्चों के एक दल ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई की और पूरे देश को गौरवान्वित किया है। उन्हाेंने 16 वर्षीय शिवांगी पाठक को बधाई दी जो नेपाल की ओर से ऐवरेस्ट फ़तह करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला बनी है।
माेदी ने अजीत बजाज और उनकी बेटी दीया को भी बधाई दी। यह ऐवरेस्ट की चढ़ाई करने वाली पहली भारतीय पिता-पुत्री की जोड़ी है। प्रधानमंत्री ने एेवरेस्ट की चढ़ाई करने वाली 50 वर्षीय संगीता बहल का भी जिक्र किया।