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pm modi addresses public meeting in pratapgarh and basti-न मैं गिरा न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे, कुछ लोग मुझे गिराने में कई बार गिरे : मोदी - Sabguru News
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न मैं गिरा न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे, कुछ लोग मुझे गिराने में कई बार गिरे : मोदी

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न मैं गिरा न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे, कुछ लोग मुझे गिराने में कई बार गिरे : मोदी

प्रतापगढ़/बस्ती।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए कहा कि न मैं गिरा न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे, कुछ लोग मुझे गिराने में कई बार गिरे।

मोदी ने प्रतापगढ़ के जीआइसी ग्राउंड शनिवार को एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा नामदार ने मेरी छवि खराब करने का लक्ष्य रखा है। लेकिन मैं उनसे कहना चाहता हूं कि न मैं गिरा और न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे, पर कुछ लोग मुझे गिराने में कई बार गिरे। नामदार के पिता का जीवन भ्रष्टाचारी नंबर-1 के रूप में समाप्त हुआ। यह लोग देश में अस्थिर और मजबूर सरकार बनाना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि नामदार सुन लो यह मोदी सोने की चम्मच लेकर पैदा नहीं हुआ। यह मोदी राजपरिवार में पैदा नहीं हुआ। यह मोदी भारत मां की धूल फांक कर बड़ा हुआ है। यह मोदी पांच दशक तक बिना रुके, बिना थके एक निष्ठ, एक लक्ष्य सिर पर सिर्फ भारत माता के लिए जिया और तपा है।

पांच मिनट के इंटरव्यू से पांच दशक की मोदी की तपस्या को तुम धूल में नहीं मिला सकते। आपके पिताजी को आपके रागदरबारियों ने मिस्टर क्लीन बना दिया था। लेकिन देखते ही देखते भ्रष्टाचारी नंबर-1 के जैसे उनका जीवन समाप्त हो गया। यह देश गलतियां माफ करता है। लेकिन धोखेबाजी को कभी माफ नहीं करता।

बस्ती के पालीटेक्निक के मैदान में संकल्प रैली में समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी गठबंधन पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि महामिलावटी लोग गरीबों को खरीदने के प्रयास में न रहें। सपा- बसपा इंसान को वोट का पताका समझते हैं। यह लोग इंसानों को वोट के रूप में बेंच रहे हैं। ऐसे नेता हमें मंजूर नहीं।

जनता ने तय किया है कि नेता अपनी खातिर खरीद बेच की बिक्री चला रहे हैं। यह लोग डंके की चोट पर वोट ट्रांसफार करने का दावा कर रहे हैं। इंसान और रुपयों में बहुत बड़ा फर्क होता है।। जनता गरीब हो सकती है बिकाऊ नहीं। जैसे पैसे एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर होते हैं, ये भी इंसान को उसी तरह तौलते हैं।

उन्होंने कहा कि हमारी तो कार्य संस्कृति ही लक्ष्य तय करने और उसे पूरा करने की है। महामिलावटी गठबंधन और एनडीए की कार्य संस्कृति एक दूसरे से काफी अलग है। हम सरकार को दिल्ली से बाहर ले जाना चाहते हैं, वहीं जो महामिलावटी हैं, जो पद के लालच में दिल्ली आने को आतुर हैं।