ईटानगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश में चार हजार करोड़ रुपए से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास तथा लोकार्पण करने के बाद कांग्रेस के 55 साल बनाम अपनी सरकार के 55 महीनों की तुलना एक बार फिर की।
मोदी ने कहा कि इन विकास परियोजनाओं के अलावा प्रदेश में लगभग 13 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि आज की परियोजनाओं से अरुणाचल में संपर्क में सुधार होगा। साथ ही राज्य के ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा इन परियोजनाओं से एक ओर जहां राज्य की स्वास्थ्य सेवायें बेहतर होंगी वहीं दूसरी ओर राज्य संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा।
मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आजादी के बाद से देश में एक ही पार्टी ने 55 सालों तक शासन किया। उन्होंने कहा कि एक तरफ उनके 55 साल और दूसरी तरफ केंद्र में हमारे 55 महीनों के शासन को रखकर तुलना कीजिए। अरुणाचल और पूरे पूर्वोत्तर के लिए कब कितना काम हुआ है, इसकी तस्वीर आपके सामने साफ हो जाएगी।
गौरतलब है कि मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते गुरुवार को अपनी सरकार के 55 महीनों और कांग्रेस के 55 वर्षों के शासन काल की तुलना करते हुए कहा था कि उनकी सरकार ने कम से कम से देश के विकास के लिए अनेक काम किए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अरुणाचल में समृद्ध जल संपदा है। यहां बिजली पैदा करने की अभूतपूर्व क्षमता है लेकिन विकास उस गति से नहीं हो पा रहा था, जैसा होना चाहिए था। यह देश की सुरक्षा से जुड़ा एक महत्वपूर्ण क्षेत्र रहा है। रणनीतिक लिहाज से यह अहम क्षेत्र रहा है फिर भी यहां आवश्यक सुविधाओं का निर्माण नहीं हुआ है। स्थिति यह थी कि न तो यहां के नौजवानों की परवाह की गयी और न ही सीमा पर डटे जवानों की।
उन्होंने कहा कि ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मूल मंत्र पर चलते हुए उनकी सरकार ने बीते 55 महीनों में अरुणाचल और पूर्वोत्तर के विकास के लिए न तो कभी धन की कमी होने दी और न ही इच्छा शक्ति की कमी आड़े आयी। गत वर्षों में राज्यों को 44 हजार करोड़ रुपए दिए गए, जो पिछली सरकार के शासन काल में दी गयी राशि की तुलना में लगभग दोगुनी है।
इसके अलावा केंद्र सरकार यहां हजारों करोड़ रुपए की अन्य परियोजनाओं पर भी काम कर रही है। विकास की इसी कड़ी में आज अरुणाचल में एक साथ दो हवाई अड्डों का उद्घाटन और शिलान्यास हो रहा है।
संभवत: यह पहली बार है कि भारत में किसी भी राज्य में एक हवाई अड्डे का काम पूरा हुआ हो और दूसरे का काम शुरू हुआ हो। अरुणाचल के लिए तो यह और भी अहम अवसर है क्योंकि आजादी के इतने वर्षों तक यहां एक भी ऐसा हवाई अड्डा नहीं था जहां नियमित रूप से बड़े यात्री विमान उतर पाए। गुवाहाटी तक हवाई संपर्क था और वहां से या तो सड़क के रास्ते आपको आना-जाना होता था, या फिर मजबूरी में हेलीकॉप्टर का सहारा लेना पड़ता था।