नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार पर बल देते हुए शिक्षा को किताबों और क्लास रूम से बाहर ले जाकर समाज और देश से जोड़ने का आह्वान किया है।
मोदी ने नवाचार को बढ़ाने के लिए स्कूलों में अटल टैंकरिंग लैब की संख्या तीन हज़ार से बढ़ाकर पांच हज़ार करने की भी घोषणा की है। उन्होंने शनिवार को यहां विज्ञान भवन में कुलपतियों के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह आह्वान किया। इस मौके पर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ सत्यपाल सिंह, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष एवं सुप्रसिद्ध पत्रकार रामबहादुर राय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति नागेश्वर राव और राष्ट्रीय कला केंद्र के सचिव सच्चिदानंद जोशी और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष डी पी सिंह भी मौजूद थे।
मोदी ने प्राचीन भारत में देश की शिक्षा व्यवस्था तथा आधुनिक काल में स्वामी विवेकानंद से लेकर अम्बेडकर दीन दयाल उपाध्याय और लोहिया के शिक्षा के बारे में उनके विचारों को उद्धरित करते हुए कहा कि शिक्षा का संबंध केवल किताबी ज्ञान से नहीं बल्कि बेहतर इंसान बनने और चरित्र निर्माण के साथ-साथ सामाजिक दायित्व से भी होता है लेकिन युग बदलने के साथ-साथ उसमें परिवर्तन भी होता है। आज समय की मांग है कि उसमें नवोन्मेष नवाचार को जोड़ा जाए।
उन्होंने कहा कि स्कूल स्तर से ही नवाचार को जोड़ने के लिए उनकी सरकार ने देश के स्कूलों में अब तक तीन हज़ार अटल टैंकरिंग लैब खोले हैं। अब उनकी संख्या बढ़कर पांच हज़ार की जाएगी। उन्होंने कालेज के छात्रों को गरीबों की झुग्गी-झोपड़ियों में जाकर उन्हें स्वच्छता अभियान आयुष्मान भारत जैसे सरकारी कार्यक्रमों से भी लोगों को अवगत कराने एवं उन्हें ज्ञान बांटने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि छात्र अपने आस-पास के इलाकों में जाकर डिजिटल इंडिया कार्यक्रमों की भी लोगों को जानकारी दें और न्यू इंडिया के निर्माण में भी सहयोग दें।