लेह। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास चीन और भारत के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष के बाद उत्पन्न गतिरोध की स्थिति का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को लद्दाख के लेह पहुंचे।
इस समय मोदी की लद्दाख यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने के लिए चीन की सेना के साथ चल रही वार्ता किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रही है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मोदी के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे भी हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी लेह के दौरे पर जाने वाले थे लेकिन उनका कार्यक्रम गुरुवार को रद्द हो गया।
उन्हाेंने बताया कि सेना, वायु सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस समुद्र तल से 11 हजार फुट ऊपर स्थित निमू में प्रधानमंत्री को संयुक्त रूप से स्थिति से अवगत कराएंगे। मोदी चीन की सेना के साथ हिंसक झड़प में घायल हुए सैनिकों से मुलाकात करेंगे। इस झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। उनकी सैनिकों से मुलाकात से सेना काे उत्साह बढ़ेगा। लद्दाख में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद पहली बार प्रधानमंत्री या केंद्रीय मंत्रिमंडल का कोई सदस्य वहां पहुंचा है।