नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि सरकार पासपोर्ट नियमों के सरलीकरण के अगले चरण में इलैक्ट्रॉनिक चिप आधारित ई-पासपोर्ट शुरू करेगी और इसके लिए वैश्विक पासपोर्ट सेवा नेटवर्क तैयार किया जा रहा है।
मोदी ने आज यहां 15वें प्रवासी भारतीय दिवस समारोह का उद्घाटन करने बाद अपने संबोधन में यह घोषणा की। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविन्द्र जगन्नाथ उपस्थित थे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह उपस्थित थे।
मोदी ने प्रवासी भारतीय समुदाय का भारत के शोध, अनुसंधान एवं नवान्वेषण में बड़ी भूमिका निभाने का आह्वान किया और कहा कि बदलते हुए इस भारत में आप रिसर्च एंड डेवलपमेंट और नवान्वेषण में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। सरकार ये भी कोशिश कर रही है कि भारत के स्टार्ट-अप्स और उनके प्रवासी भारतीय संरक्षक को एक साथ, एक प्लेटफॉर्म पर लाए। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में विनिर्माण भी प्रवासी भारतीय समुदाय के लिए काम करने के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र हो सकता है।
प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों के लिए सरकार की ओर से दी जा रही सहूलियतों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार का पूरा प्रयास है कि आप सभी जहां भी रहें सुखी रहें और सुरक्षित रहें। बीते साढ़े 4 वर्षों के दौरान संकट में फंसे दो लाख से ज्यादा भारतीयों को सरकार के प्रयासों से मदद मिली है।
उन्होंने कहा कि प्रवासियों की सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ पासपोर्ट, वीज़ा, पीआईओ और ओसीआई कार्ड को लेकर भी तमाम प्रक्रियाओं को आसान करने का प्रयास सरकार कर रही है। सरकार ने पीआईओ कार्ड को ओसीआई कार्ड में बदलने की प्रक्रिया को भी आसान बनाया है।
मोदी ने कहा कि प्रवासी भारतीयों के लिए कुछ महीने पहले ही एक नया कदम भी उठाया गया है। दुनियाभर में हमारे दूतावासों एवं मिशनों को पासपोर्ट सेवा प्रोजेक्ट से जोड़ा जा रहा है। इससे आप सभी के लिए पासपोर्ट सेवा से जुड़ी एक केन्द्रीकृत व्यवस्था तैयार हो जाएगी। बल्कि अब तो एक कदम आगे बढ़ते हुए चिप आधारित ई-पासपोर्ट जारी करने की दिशा में भी काम चल रहा है।
उन्होंने बताया कि पासपोर्ट के साथ-साथ वीज़ा से जुड़े नियमों को भी सरल किया जा रहा है। ई-वीसा की सुविधा मिलने से समय की बचत भी हो रही है और परेशानियां भी कम हुई हैं। उन्होंने कहा कि अभी भी जो कोई समस्याएं इसमें हैं तो उसके सुधार के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों से आग्रह किया कि वे जिस भी देश में रहते हैं, वहां से अपने आसपास के कम से कम पांच परिवारों को भारत आने के लिए प्रेरित करिए। आपका ये प्रयास, देश में पर्यटन बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा।
मोदी ने प्रवासी भारतीयों के भारत का ब्रांड एम्बेसेडर बताते हुए कहा कि वह उन्हें भारत के सामर्थ्य, क्षमता, और देश की विशेषताओं का प्रतीक भी मानते हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय अभी जिस देश में रह रहे हैं, वहां के समाज को भी उन्होंने अपनापन दिया है और वहां की संस्कृति एवं अर्थव्यवस्था को समृद्ध किया है।
उन्होंने कहा कि आपने वसुधैव कुटुंबकम के भारतीय दर्शन का, हमारे पारिवारिक मूल्यों का विस्तार किया है। आप सभी जिस देश में बसे हैं, वहां समाज के लगभग हर क्षेत्र में नेतृत्वकारी भूमिका में दिखते हैं। मॉरिशस को प्रविंद जगनाथ पूरे समर्पण के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा पुर्तगाल, त्रिनिदाद-टोबैगो और आयरलैंड जैसे अनेक देशों को भी ऐसे सक्षम लोगों का नेतृत्व मिला है जिनकी जड़ें भारत में हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था के साथ-साथ अपनी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत से भी प्रवासी भारतीय समुदाय का जुड़ाव और मज़बूत हो, इसके लिए प्रवासी तीर्थ दर्शन योजना की भी शुरुआत की जा रही है। उन्होंने कहा कि आप जिस भी देश में रहते हैं, वहां से अपने आसपास के कम से कम 5 परिवारों को भारत आने के लिए प्रेरित करिए।
आपका ये प्रयास, देश में पर्यटन बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा। इसी तरह आप इस वर्ष गांधी जी की 150वीं जयंती पर अपने देश में रहते हुए कैसे उनकी बातों को, भारत की बातों को अन्य लोगों तक पहुंचाएंगे, इस पर भी विचार करिए। इसी प्रकार से इस वर्ष हम सभी गुरु नानक देव की 550वीं जंयती भी बना रहे हैं। गुरु वाणी को हम कैसे दूसरे देशों के लोगों तक पहुंचाएं, उन्हें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से कैसे परिचित कराएं, इस बारे में भी सोचा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अगर प्रवासी अपने देश में कुछ आयोजन या विशेष कार्यक्रम करना चाहें, तो भारतीय दूतावास के द्वारा भी उनकी हर संभव मदद की जाएगी। प्रधानमंत्री ने काशी के सांसद के रूप में प्रवासियों का स्वागत करते हुए कहा कि मैं यहां आपके सामने प्रधानमंत्री के साथ-साथ काशी का सांसद होने के नाते, एक मेज़बान के रूप में भी उपस्थित हुआ हूं। बाबा विश्वनाथ और मां गंगा का आशीर्वाद आप सभी पर बना रहे, मेरी यही कामना है।
आप सभी काशी में हैं, और इसलिए मैं काशी और आप सभी में एक समानता भी देख रहा हूं। बनारस नगरी चिरकाल से ही भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, दार्शनिक और ज्ञान की परंपरा से दुनिया में देश का परिचय कराती रही है। आप भी अपने दिलों में भारत और भारतीयता को संजोए हुए, इस धरती की ऊर्जा से दुनिया को परिचित करा रहे हैं।