नयी दिल्ली । जैव ईंधन के उत्पादन से अगले चार साल वर्ष के दौरान 12 हजार करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा की बचत करने का लक्ष्य हासिल करने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि सरकार ने भारी भरकम निवेश के साथ 12 अत्याधुनिक तेल शोधन कारखाने स्थापित करने की योजना बनाई है।
मोदी ने शुक्रवार को यहां ‘विश्व जैव ईंधन दिवस’ पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार जैव कचरे को जैव ईंधन में परिवर्तित करने के लिए भारी निवेश कर रही है। जैव ईंधन के लिए 12 तेल शोधन कारखाने स्थापित करने की योजना तैयार की गयी है। ये कारखाने आधुनिक प्रौद्योगिकी से युक्त होंगे और इनमें रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जनधन, वंदन और गोबरधन जैसी योजनाओं से करोड़ों गरीबों, आदिवासियों और किसानों के जीवन में बदलाव आ रहा है। उन्होंने कहा कि जैव ईंधन का भरपूर इस्तेमाल के लिए छात्रों, अध्यापकों, वैज्ञानिकों, उद्यमियों और आम जनता की भागीदारी जरुरी है। उन्होने सभी लोगों से जैव ईंघन के लाभ गांवों तक पहुंचाने की अपील की।
उन्होंने कहा कि पिछले साल जैव ईंधन के इस्तेमाल से 4000 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा बचाने में मदद मिली है। अगले चार साल में यह आंकडा 12 हजार करोड़ रुपए तक ले जाने की योजना तैयार की गयी है।
मोदी ने कहा कि 21 वीं सदी में भारत के विकास को जैव ईंधन एक नयी गति दे सकता है। फसलों से जैव ईंधन तैयार किया जा सकता है जिससे गांवों और शहरों में लोगों के जीवन में भारी परिवर्तन किया जा सकता है। उन्होंने इस अवसर पर ‘राष्ट्रीय जैव ईंधन 2018’ पुस्तिका का लोर्कापण किया। समारोह में किसान, वैज्ञानिक, उद्यमी, छात्र, सरकारी अधिकारी और सांसद भी मौजूद थे।