टोक्यो । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि पर्यावरण सुरक्षा, आर्थिक विषमता को दूर करने और विश्व शांति के लिये भारत अपनी संस्कृति एवं परंपरा के अनुरूप दुनिया को समाधान के मॉडल प्रस्तुत कर रहा है तथा संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण पुस्कार एवं सोल शांति पुरस्कार के रूप में उसे दुनिया की स्वीकृति एवं सम्मान मिल रहा है।
मोदी ने जापान यात्रा के अंतिम दिन के कार्यक्रम की शुरुआत में प्रवासी भारतीयों के एक स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “आज पर्यावरण की सुरक्षा के लिए, आर्थिक असंतुलन को दूर करने के लिए, विश्व शांति के लिए भारत की भूमिका अग्रणी है।” उन्होंने कहा कि भारत सर्वे भवंतु सुखिना: सर्वे संतु निरामया, के हमारे पुरातन मूल्यों, संस्कृति एवं परंपरा के प्रति समर्पित हो कर काम कर रहा है। भारत अपनी समस्याओं के समाधान करने के बाद उसी मॉडल को दुनिया को उपलब्ध करा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “अभी हाल में दुनिया की दो बड़ी संस्थाओं ने भारत के प्रयासों सराहा है, सम्मानित किया है। ग्रीन फ्यूचर में योगदान के लिए संयुक्त राष्ट्र ने ‘चैंपियन ऑफ द अर्थ’ के रूप में, तो सोल शांति प्रतिष्ठान ने ‘सोल शांति पुरस्कार’ के रूप में भारत को सम्मान दिया है।” उन्होंने सोल शांति पुरस्कार के चयन मंडल भारतीय आर्थिक माॅडल की सराहना पर आभार व्यक्त करते हुए कहा, “ मैं सोल शांति पुरस्कार के चयनमंडल का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने ‘मोदीनॉमिक्स’ की प्रशंसा की है। उनकी भावनाओं का पूरा सम्मान करते हुए मैं ये कहना चाहूंगा कि ये मोदीनॉमिक्स के बजाय ये ‘इंडोनॉमिक्स’ का सम्मान है।”
मोदी ने कहा कि ये सम्मान सवा सौ करोड़ लोगों के प्रतिनिधि के रूप में भले ही उन्हें दिया गया हो लेकिन उनका योगदान माला के उस धागे जितना है जो मनकों को पिरोता है और संगठित होकर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। उन्होंने कहा कि देश एक से एक प्रतिभाशाली हीरों, मोतियों से भरा पड़ा है। सिर्फ एक संगठित प्रयास की आवश्यकता थी जो हम बीते चार वर्षों से कर रहे हैं। सामूहिकता एवं जनभागीदारी की इसी शक्ति को दुनिया पहचान दे रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार का मुखिया होने के नाते वह वही कर रहे हैं जो भारत की संस्कृति, भारत की परंपरा रही है। हम वसुधैव कुटुंबकम और सर्वे भवंतु सुखिना: सर्वे संतु निरामया, के अपन पुरातन मूल्यों के प्रति समर्पित हैं। उनकी सरकार ने तो सिर्फ इतना बदलाव किया है कि दुनिया को भारत के चश्मे देखा जाने लगा है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ‘भारतीय समाधान, वैश्विक अनुप्रयोग’ की भावना के साथ निरंतर काम कर रही है। हम पहले भारत की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं और फिर उस मॉडल को दुनिया के दूसरे देशों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।”