वाराणसी। दियों की रोशनी से झिलमिलाते काशी के घाटों को देख आत्मविभोर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि आज पूर्णिमा पर देव दीपावली मनाती काशी, महादेव के माथे पर विराजमान चन्द्रमा की तरह चमक रही है।
मोदी ने राजघाट पर देव दीपावली महोत्सव का शुभारम्भ किया। इसके साथ ही 11 लाख मिट्टी के दीये गंगा के दोनों तटों पर जला दिए गए। लाखों दीये एक साथ जलने से गंगा नदी और आसपास एक मनोहारी दृश्य लोगों को देखा। इस अवसर पर उत्तर के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे आज पूर्णिमा पर देव दीपावली मनाती काशी, महादेव के माथे पर विराजमान चंद्रमा की तरह चमक रही है। काशी की महिमा ही ऐसी है। आज ये दीपक उन आराध्यों के लिए भी जल रहे हैं, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर किए, जो जन्मभूमि के लिए बलिदान हुए। काशी की ये भावना, देव दीपावली की परंपरा का ये पक्ष भावुक कर जाता है। इस अवसर पर मैं देश की रक्षा में अपनी शहादत देने वाले, हमारे सपूतों को नमन करता हूं।
मोदी ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आपकी जो लंबे समय से मांग थी, वो पूरी हो गई है। लेजर शो में अब भगवान बुद्ध के करूणा, दया और अहिंसा के संदेश साकार होंगे। ये संदेश आज और भी प्रासंगिक होते जाते हैं। जब दुनिया हिंसा, अशांति और आतंक के खतरे देखकर चिंतित है।
मोदी ने कहा कि इस बार के पर्व, इस बार की दीपावली जैसे मनाई गई, जैसे देश के लोगों ने लोकल प्रोडक्ट और लोकल गिफ्ट्स के साथ अपने त्योहार मनाए वो वाकई प्रेरणादाई है। लेकिन ये सिर्फ त्योहार के लिए नहीं, ये हमारी जिंदगी का हिस्सा बनने चाहिए।
उन्होने कहा कि काशी के लिए जब विकास के काम शुरू हुए थे, विरोध करने वालों ने सिर्फ विरोध के लिए विरोध तब भी किया था। जब काशी ने तय किया था कि बाबा के दरबार तक विश्वनाथ कॉरिडॉर बनेगा, भव्यता, दिव्यता के साथ श्रद्धालुओं की सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा। विरोध करने वालों ने तब इसे लेकर भी काफी कुछ कहा था।
प्रधानमंत्री ने कहा कोविड 19 ने बहुत चीजों को बदला है। लेकिन काशी की ऊर्जा, भक्ति और शक्ति को कोई नहीं बदल सकता है। उन्होंने कहा कि काशी के नर-नारी तो देवी और शिव के रूप हैं। इसलिए यहां के घाटों पर इन लाखों दीपों को आज देवता ही प्रज्ववलित कर रहे हैं। देवता ही यह प्रकाश फैला रहे हैं। देव दीपावली की परंपरा का यह क्षण भावुक कर जाता है।
मोदी ने कहा कि आज गरीबों के लिए प्रधाननंत्री रोजगार अभियान चल रहा है। स्वामित्व योजना के तहत मकान-जमीन पर अधिकार दिया जा रहा है। रेहड़ी, पटरी व ठेले वालों को भी मदद देने के लिए बैंक आगे आ रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही मैंने पटरी वालों से काशी में बात भी की थी। देश लोकल के लिए वोकल भी हो रहा है। हमारे पर्व भी गरीबों की मदद का साधन बन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गुरुनानक देव जी का काशी से आत्मिक संबंध रहा है। इतिहास का साक्षी है गुरुनानक देव जी ने काशीवासियों को राह दिखाई थी। आज हम रिफार्म की बात करते हैं लेकिन इसके बड़े प्रतीक गुरुनानक देव ही थे। जब देश हित में बदलाव होते हैं तो जाने- अनजाने विरोध जरूर होते हैं, यही सीख हमें गुरुनानक देव से मिलती है।
मोदी ने कहा कि बनारस में काशी विश्वनाथ के साथ दुगा मंदिर जैसे स्थलों का भी विकास किया गया। दूसरे स्थलों को भी सुधारा जा रहा है। घाटों की तस्वीर बदल रही है। सुबह-ए- बनारस को अलौकिक आभा मिली है। मां गंगा का जल भी निर्मल हो रहा है। यही बनारस का सदा बना रहने वाला रस है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सारनाथ में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आप सबकी जो लंबे समय से मांग थी पूरी हो गई है। बुद्ध के दया करुणा के संदेश साकार होंगे। यह आज के समय में प्रासंगिक है। वे कहते थे वैर से वैर शांत नहीं होता। दीपावली का संदेश है, हमारा मन भी इसी दीपों की तरह जगमग हो। दुनिया करुणा- दया के भाव को समाहित करे, यह संदेश दुनिया में जाए।