नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरकार के दूसरे कार्यकाल के दूसरे वर्ष की पहली कैबिनेट बैठक की आज यहां अध्यक्षता की जिसमें किसानों, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम क्षेत्र (एमएसएमई) और रेहड़ी लगाकर गुजर बसर करने वाले लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
सरकार का मानना है कि एमएसएमई देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और ये करोड़ों इकाईयां मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इसे ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गई घोषणाओं में प्रमुखता से शामिल किया गया है।
इस पैकेज के तहत एमएसएमई क्षेत्र के लिए न केवल पर्याप्त आवंटन किया गया है, बल्कि अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के उपायों के कार्यान्वयन में भी प्राथमिकता दी गई है। कई प्रमुख घोषणाओं से संबंधित कार्यान्वयन पहले ही शुरू किए जा चुके हैं।
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने रेहड़ी लगाने वालों को सस्ते ब्याज पर ऋण देने के लिए एक विशेष माइक्रो-क्रेडिट सुविधा योजना, पीएम स्व-निधि शुरू की है। यह योजना उन्हें फिर से काम शुरू करने और अपनी आजीविका कमाने में सक्षम बनाने के लिए मील का पत्थर साबित होगी। वेंडर, हॉकर, ठेले वाले, रेहड़ी वाले, ठेली फलवाले आदि सहित 50 लाख से अधिक लोगों को इस योजना से लाभ मिलने की संभावना है। शहरी स्थानीय निकाय इस योजना के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
किसानों को उनकी फसल की उचित कीमत दिलाने के लिए सरकार ने खरीफ सीजन 2020-21 के लिए उत्पादन की लागत का कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने का वादा पूरी करने की दिशा में कदम उठाया है। कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिश के आधार पर आज खरीफ सीजन 2020-21 के लिए 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन दामों की घोषणा की गई है। इन 14 फसलों के लिए लागत पर वापसी 50% से 83% तक होगी।
सरकार ने बैंकों द्वारा कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए दिए गए 3 लाख रुपए तक के सभी अल्पकालिक ऋणों की पुनर्भुगतान तिथि को आगामी 31 अगस्त तक बढ़ाने का भी निर्णय लिया है। किसानों को ब्याज सबवेंशन और शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन का लाभ भी मिलेगा। ऐसे अल्पकालिक कृषि ऋण जिनका भुगतान गत एक मार्च से 31 अगस्त के बीच किया जाना है उन्हें बैंकों के 2% ब्याज सबवेंशन का और किसानों को 3% शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन का लाभ लगातार मिलता रहेगा।
किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से मिलने वाले ऋण सहित रियायती अल्पकालिक फसली ऋण प्रदान करने के लिए ब्याज निवारण योजना शुरू की गई है। पिछले कुछ हफ्तों में कई किसान अपने अल्पकालिक फसल ऋण बकाया के भुगतान के लिए बैंक शाखाओं तक पहुंचने में सक्षम नहीं हो सके हैं। इस कैबिनेट फैसले से करोड़ों किसानों को मदद मिलेगी।
गरीबों और जरूरतमंदों की मदद सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और सरकार ने इनके लिए गत 26 मार्च को ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पैकेज की घोषणा की थी।