नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को देश के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 को सफलतापूर्वक लॉन्च करने पर बधाई एवं शुभकामनांए दी।
मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा जारी रखी है। भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई। बेहतर विकास के लिए हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि आज इसरो ने 23 घंटे 40 मिनट की उलटी गिनती समाप्त होने के साथ ही पूर्वाह्न 11 बजर 50 मिनट पर पीएसएलवी-सी57 के जरिए शार रेंज से प्रक्षेपित आदित्य एल-1 को अब पृथ्वी की निचली कक्ष में स्थापित कर दिया गया है।
आदित्य एल-1 की सफलता से अंतरिक्ष यात्रा के नए अध्याय खुले
उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने कहा है कि देश के पहले सूर्य अभियान आदित्य एल-1 की सफलता से अंतरिक्ष यात्रा के नए अध्याय खुले हैं। उपराष्ट्रपति सचिवालय ने शनिवार को यहां बताया कि आदित्य एल-1 के सफल प्रक्षेपण पर धनखड़ ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन -इसरो के वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं दी है।
उन्होंने कहा कि भारत के पहले सूर्य अभियान आदित्य एल-1 के सफल प्रक्षेपण से अंतरिक्ष यात्रा का गौरवशाली अध्याय खुला है। धनखड़ ने कहा कि मैं इस उपलब्धि के लिए इसरो और उसके वैज्ञानिकों तथा इंजीनियरों को शुभकामनाएं देता हूं। इस बड़ी उपलब्धि से निश्चित रूप से सौर प्रणाली के बारे में हमारी समझ बढ़ेगी।
मिश्र ने दी आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग पर बधाई
जयपुर। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने देश के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और समस्त देशवासियों को बधाई दी है। मिश्र ने चंद्रयान-3 के बाद इसरो की इस अभूतपूर्व पहल की सफलता के लिए शुभकामनाएं व्यक्त की हैं।
गहलोत ने दी इसरो की टीम को शुभकामना
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोलर मिशन के तहत आदित्य एल1 की लॉन्चिंग के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की पूरी टीम को असीम शुभकामनाएं दी हैं। गहलोत ने सोशल मीडिया पर यह शुभकामनाएं देते हुए कहा कि चंद्रमा के बाद अब सूर्य की बारी दुनिया देख रही काबिलियत हमारी।
उन्होंने कहा कि पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर लेंगरेंज प्वाइंट वन पर रहकर आदित्य एल1 द्वारा सूर्य की स्टडी से कई महत्वपूर्ण जानकारी जुटाकर भारत अंतरिक्ष विज्ञान में कीर्तिमान स्थापित करेगा और पूरी दुनिया भारत की महिमा गाएगी।