कोलकाता/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मां के अंतिम संस्कार करने के बाद शोक के बीच वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोलकाता के हावड़ा रेलवे स्टेशन से पूर्वी भारत की पहली एवं देश की सातवीं ‘वंदे भारत’ एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखा कर शुभारंभ किया और करीब 58 हजार करोड़ रुपए की क्षमता विस्तार की परियोजनाओं का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार रेलवे के बुनियादी ढांचे का तेजी से विस्तार कर रही है और शक्तिशाली रेल इंजन देश में ही निर्मित किये जा रहे हैैं।
हावड़ा स्टेशन पर सादे समारोह में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार, अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री जॉन बारला, गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेन्दु अधिकारी और सांसद प्रसून बनर्जी उपस्थित थे।
मोदी की मां के निधन के समाचार का आज के कार्यक्रम पर साफ असर दिखाई दिया। रात में वंदे भारत एक्सप्रेस को फूलों, गुब्बारों एवं रंगीन पट्टियों से सजाया गया था, लेकिन हीरा बा के महाप्रयाण की खबर मिलने के बाद ट्रेन सेट से सारी सजावट उतार दी गई। कार्यक्रम में आई भीड़ में भी मोदी की मां के निधन पर दुख भी भावना थी।
प्रधानमंत्री भी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग माध्यम से कार्यक्रम के अपने संबोधन के शुरू में कहा कि आज मुझे आप सबके बीच रूबरू आना था, लेकिन मेरे निजी कारणों के कारण मैं आप सबके बीच नहीं आ पाया हूं, इसके लिए मैं आपकी, बंगाल की जनता से क्षमा चाहता हूं।
मोदी ने पूर्वाह्न करीब सवा 11 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। इस मौके पर रेल मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल में रेलवे के विकास के लिए पहले से कहीं अधिक आवंटन किया है और वह ‘सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र पर चलते हुए पश्चिम बंगाल को विकसित राज्य बनाने के लिए कृतसंकल्प हैं।
बनर्जी ने अपने संबोधन में भावुक स्वर में मोदी के मां के निधन पर शोक व्यक्त और उनके प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि वह प्रार्थना करती हैं कि प्रधानमंत्री अपने कार्यों के माध्यम से अपनी माता को प्यार करते रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री अपने निजी जीवन में सबसे अधिक कष्टकारी एवं शोकपूर्ण समय में होने के बावजूद वर्चुअल रूप में कार्यक्रम में जुड़े हैं। उन्होंने मोदी से आग्रह किया कि इस कार्यक्रम को छोटा किया जाए और वह कुछ समय आराम करें।
बनर्जी ने कहा कि यह अवसर उनके लिए संतोष का है कि उनके रेल मंत्री रहते जिन पांच परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई थी उनमें से चार को लोकार्पित किया जा रहा है। उन्होंने मोदी को ‘वंदे भारत’ एक्सप्रेस के लिए धन्यवाद देते हुए पुन: कहा कि वह समझ नहीं पा रही हैं कि वह मोदी की मां को किन शब्दों में श्रद्धांजलि दें। आज उन्हें अपनी माँ की भी याद आ रही है। उन्होंने आत्मीयता भरी अपील की कि मोदी थोड़ा आराम करें।
मोदी ने ‘वंदे भारत’ एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने के साथ ही क्षमता विस्तार की चार महत्वपूर्ण परियोजनाओं का लोकार्पण किया और न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन की पुनर्विकास परियोजना की आधारशिला रखी। इससे राज्य में रेल परिचालन सुगमता और रफ्तार आएगी।
मोदी ने कहा कि जिस धरती से वंदे मातरम का जयघोष हुआ, वहां अभी वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई गई। आज 30 दिसंबर की तारीख का भी इतिहास में अपना बहुत महत्व है। तीस दिसम्बर, 1943, उस दिन ही नेताजी सुभाष ने अंडमान में तिरंगा फहराकर भारत की आजादी का बिगुल फूंका था।
उन्होंने कहा कि देश ने आजादी के अमृत महोत्सव पर 475 वंदे भारत ट्रेन शुरू करने का संकल्प लिया था। आज इसी में से एक हावड़ा-न्यू जलपाईगुड़ी वंदे भारत ट्रेन यहां कोलकाता से शुरू हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार भारतीय रेलवे को आधुनिक बनाने के लिए, रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए रिकॉर्ड निवेश कर रही है। आज भारत में भारतीय रेलवे के कायाकल्प का राष्ट्रव्यापी अभियान चल रहा है।
उन्होंने कहा कि आज वंदे भारत, तेजस, हमसफर जैसी आधुनिक ट्रेनें देश में बन रही हैं। आज विस्टा–डोम कोचेज रेल यात्रियों को नए अनुभव करा रहे हैं। आज सुरक्षित, आधुनिक कोचेज की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हो रही है। आज रेलवे स्टेशन को भी एयरपोर्ट की तरह विकसित किया जा रहा है। न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन भी इसी लिस्ट में शामिल है।
‘वंदे भारत’ एक्सप्रेस हावड़ा न्यू जलपाईगुड़ी के बीच करीब 561 किलोमीटर की दूरी सात घंटे 50 मिनट में तय करेगी। गाड़ी दोनों दिशाओं में आते-जाते समय मालदा टाउन, बारसोई और बोलपुर स्टेशनों पर रुकेगी। इस मार्ग पर शताब्दी एक्सप्रेस भी चलती है जो यह दूरी आठ घंटे 20 मिनट में तय करती है।
पूर्वी भारत की यह पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन पर्यटन और राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होगी। दार्जीलिंग और सिक्किम के लिए न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन मुख्य संपर्क बिन्दु है। यह स्टेशन पूर्वोत्तर क्षेत्र के द्वार के रूप में भी जाना जाता है।
इसके अलावा राज्य की राजधानी कोलकाता से जुड़ी दो परियोजनाओं-बोइंची से शक्तिगढ़ के बीच 25.8 किलोमीटर तीसरी लाइन तथा दानकुनी एवं चंदननगर के बीच 25.4 किलोमीटर के बीच चौथी लाइन के लोकार्पण से रोजगार के लिए आसपास के क्षेत्रों से कोलकाता आने जाने वाले दैनिक यात्रियों को लाभ मिलेगा। इन लाइनों पर अधिक ईएमयू गाड़ियां चलाई जा सकेंगी।
इसी प्रकार से मुर्शिदाबाद जिले में निमतीता और न्यू फरक्का के बीच 25.4 किलोमीटर लाइन के दोहरीकरण और उत्तर बंगाल में जलपाईगुड़ी और अलीपुर द्वार आमबारी फलकाता तथा न्यू मायानगरी तथा न्यू मायानगरी एवं गुमानीहाट के बीच करीब 89 किलोमीटर लाइन के दोहरीकरण के लोकार्पण से कोलकाता एवं देश के अन्य क्षेत्रों से पूर्वोत्तर क्षेत्र के बीच रेल संपर्क आसान हो जाएगा।
प्रधानमंत्री ने इसके अलावा कोलकाता की मेट्रो रेल की जोका और ताराताल के बीच करीब साढ़े छह किलोमीटर की मेट्रो लाइन का भी लोकार्पण किया। इस पर लगभग 2477 करोड़ रुपए की लागत आई है।
मोदी ने रेल नेटवर्क के सुधार और विस्तार के प्रयासों में तेजी का जिक्र करते हुए कहा कि आजादी के सात दशकों में भारतीय रेल के 20 हजार रूट किलोमीटर रेल लाइन का बिजलीकरण हुआ। इसके विपरीत 2014 में हमारी सरकार बनने के बाद बीते 7-8 वर्षो में ही 32 हजार रूट किलोमीटर से ज्यादा रेल लाइन का बिजलीकरण हो चुका है। रेलवे के आधुनिकीकरण की रफ्तार को तेज करने के लिए अब भारत में दुनिया के सबसे शक्तिशाली बिजली के रेल-इंजनों का भी तेजी से निर्माण हो रहा है।
मोदी ने राष्ट्रीय गंगा परिषद बैठक की अध्यक्षता की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कोलकाता में राष्ट्रीय गंगा परिषद (एनजीसी) की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की जिसमें पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों के शीर्ष नेतृत्व के अलावा कई केंद्रीय मंत्रियों ने भाग लिया। मोदी अपनी मां के निधन के कारण इस बैठक में साक्षात उपस्थित नहीं हो सके और इसमे वीडियो कान्फ्रेंसिंग सुविधा के जरिए भाग लिया।
इस बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंश शेखावत के अलावा परिषद के सदस्य अन्य केंद्री मंत्रियों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों ने भाग लिया। बिहार का प्रतिनिधित्त उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने किया।
राष्ट्रीय गंगा परिषद को गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के प्रदूषण निवारण और कायाकल्प के अधीक्षण के लिए समग्र जिम्मेदारी दी गई है। नमामि गंगे कार्यक्रम एक एकीकृत संरक्षण मिशन है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा जून 2014 में राष्ट्रीय नदी गंगा के प्रदूषण, संरक्षण और कायाकल्प के प्रभावी उन्मूलन के दोहरे उद्देश्यों को पूरा करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ ‘फ्लैगशिप प्रोग्राम’ के रूप में अनुमोदित किया गया है।
प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों मन की बात कार्यक्रम में कहा था कि इस कार्यक्रम के सुपरिणाम आने लगे हैं तथा गंगा नदी में कछुए और मछलियों की संख्या में वृद्धि के साथ जैव विविधता बढ़ी है।नमामि गंगे पहल को संयुक्त राष्ट्र (यूएन)ने पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए चल रही दुनिया की शीर्ष 10 परियोजनाओं के रूप में मान्यता दी है।
इससे पहले मोदी ने इससे पहले कोलकाता में आयोजित कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया जिनमें भारतीय रेलवे और कोलकाता मेट्रो रेल की परियोजनाएं शामिल हैं। इसी कार्यक्रम में कि मोदी ने कहा कि मुझे बताया गया है कि अभी आदि गंगा नदी की स्थिति दुर्भाग्य से बहुत खराब है। इसमें जो कूड़ा-कचरा गिरता है, सीवर का गंदा पानी गिरता है, उसकी सफाई के लिए 600 करोड़ रुपये से अधिक का आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने सुबह के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि नमामि गंगे मिशन के तहत पश्चि᠋म बंगाल में सीवरेज के 25 से ज्यादा परियोजनओं को मंजूरी दी गई है। इनमें से 11 पूरी हो चुकी हैं और 7 परियोजनाएं आज पूरे हो रही हैं। उन्होंने कहा कि आज डेढ़ हजार करोड़ की लागत से पांच नयी परियोजनाओं पर काम भी शुरू हो रहा है।
मोदी ने कहा कि आने वाले 10-15 साल बाद की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए देश में आज ही आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगवाए जा रहे हैं। आजादी के अमृतकाल में हमें भविष्य की सोच के साथ देश को आगे ले जाना है।