तिरुवनंतपुरम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को केरल की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को तिरुवनंतपुरम सेंट्रल स्टेशन से हरी झंडी दिखाई। यह सेवा तिरुवनंतपुरम और कासरगोड के बीच शुरू की गई है।
वंदे भारत आत्मनिर्भर भारत के तहत एक स्वदेशी उत्पादन है। इसमें बेहतर सवारी-आराम, ट्रेनों की टक्कर को रोकने के लिए कवच संगत, चेयर-कारों में एर्गोनोमिक रिक्लाइनिंग सीटें, बेहतर इंटीरियर, बेहतर अग्नि सुरक्षा, कोचों में सीसीटीवी और गार्ड एवं ड्राइवर के साथ बात करने की सुविधा जैसी कई उन्नत सुविधाएं हैं।
वंदे भारत ट्रेन 11 केरल के जिलों- तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, कोट्टायम, एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, पठानमथिट्टा, मलप्पुरम, कोझिकोड, कन्नूर और कासरगोड को कवर करेगी।
ट्रेन ने प्रगतिशील और आत्मनिर्भर भारत के प्रतीक के रूप में अपनी पहचान बनाई है। यह 8 घंटे 5 मिनट में 586 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और सप्ताह में छह दिन (गुरुवार को छोड़कर) चलेगी। कोचों की संख्या 16 होगी।
तिरुवनंतपुरम और कासरगोड के बीच केवल आठ घंटे और पांच मिनट का यात्रा समय, इन स्टेशनों के बीच मौजूदा सबसे तेज ट्रेन – तिरुवनंतपुरम-हजरत निजामुद्दीन राजधानी एक्सप्रेस काे भी नौ घंटे लग जाते हैं। वापसी दिशा में, कासरगोड और तिरुवनंतपुरम के बीच केवल 8 घंटे 5 मिनट का यात्रा समय हाेगा। इस मार्ग पर मौजूदा सबसे तेज ट्रेन जामनगर-तिरुनेलवेली एक्सप्रेस द्वारा 10 घंटे 45 मिनट की तुलना में भी काफी समय की बचत करेगी।
यात्रियों के लिए यात्रा का काफी समय बचता है क्योंकि तिरुवनंतपुरम-कन्नूर वंदे भारत कॉरिडोर में मौजूदा सबसे तेज ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस से 45 मिनट पहले पहुंचती है। वापसी की दिशा में भी, वंदे भारत जामनगर-तिरुनेलवेली एक्सप्रेस से लगभग 2 घंटे 30 मिनट पहले तिरुवनंतपुरम पहुँचती है। वंदे भारत सेवा तिरुवनंतपुरम और कासरगोड के बीच औसत यात्रा समय को लगभग तीन घंटे कम कर देगी।
रेलवे ने कहा कि यह कन्नूर, कोझिकोड, पलक्कड़, त्रिशूर, एर्नाकुलम, अलाप्पुझा जिलों से केरल राज्य की राजधानी तक तेजी से कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। साथ ही यह ट्रेन सेवा विशेष रूप से तिरुवनंतपुरम (अनंत पद्मनाभ स्वामी मंदिर), त्रिशूर (त्रिशूर पूरम और गुरुवयूर मंदिर) और चोट्टानिक्कारा भगवती मंदिर को बढ़ावा देने के लिए तीर्थ पर्यटन प्रदान करेगी।
रेलवे ने कहा कि कोल्लम, कोट्टायम, एर्नाकुलम टाउन, त्रिशूर, शोरनूर जंक्शन, कोझिकोड और कन्नूर समेत 7 मध्यवर्ती ठहराव होगा। यह सेवा दक्षिणी और उत्तरी केरल के बीच तेज कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। तिरुवनंतपुरम-कासरगोड-तिरुवनंतपुरम ट्रेन कॉरिडोर में सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन बन जाएगी।