सबगुरु न्यूज-सिरोही। गत लोकसभा चुनावों से पहले सुमेरपुर में हुई बैठक में सिरोही जिले में नर्मदा का पानी लाने के प्रकरण को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साढ़े चार सालों में ही बिसरा गए हैं।
राजस्थान विधानसभा चुनावों में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन सुमेरपुर में बुधवार को हुई प्रधानमंत्री की जनसभा में इस बार सिरोही जिले में नर्मदा का पानी लाने का मुद्दे पर कोई भावी योजना पर चर्चा नहीं हुई।
-मुख्यमंत्री और देवासी तक बिसरा गए
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिरोही जिले के पिण्डवाड़ा में आई। इससे पहले वह सुराज गौरव यात्रा में सिरोही भी आईं, लेकिन उन्होंने नर्मदा नदी का पानी सिरोही लाने के संबंध में कोई विशेष चर्चा नहीं की। इसी तरह दस साल पहले नर्मदा का पानी सिरोही जिले के 80 गांवों तक पहुंचाने के मुद्दे की शुरूआत करने वाले सिरोही के विधायक के 4 नवम्बर को हुई सभा के कामों में भी नर्मदा गायब रही।
-सबगुरु न्यूज ने बताये थे तकनिकी पहलू
प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और विधायक ने सिरोही जिले में नर्मदा का पानी लाने की बात तो की, लेकिन इसे सिरोही में न आ पाने के पीछे तकनीकी कारणों से संभवतः यह अनभिज्ञ ही रहे। सबगुरु न्यूज ने इस बात का सबसे पहले खुलासा किया था कि आखिर क्यों नर्मदा का पानी सिरोही जिले को नहीं मिल सकता है।
दरअसल मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में बहने वाली नर्मदा नदी के लिए हुई नर्मदा जलसंधि में उक्त प्रदेशों के अलावा राजस्थान को भी पानी का कुछ अंश देने का जिक्र है। इस संधि में राजस्थान के सूखाग्रस्त जालोर और बाडमेर जिले को ही यह पानी दिए जाने का हवाला है। सिरोही जिले का नाम शामिल ही नहीं है।
ऐसे में नर्मदा का पानी सिरोही लाने के लिए सबसे पहले इस जलसंधि में ही संशोधन किया जाना था, जो कि अभी संभव था। क्योंकि केन्द्र समेत मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान पांचो जगह भाजपा की ही सरकार है। इस समय में इस जलसंधि के मूल ड्राफ्ट में सिरोही का नाम नहीं डल पाया। ऐसे में सिरोही को नर्मदा का पानी मिलना कानूनी रूप से तो मुश्किल है। इसलिए तीनों ही नेता अब सिरोही में नर्मदा का पानी लाने की चर्चा तक नहीं कर रहे।