नई दिल्ली। जम्मू के नागरोटा में चार आतंकवादियों के सुरक्षा बलों के साथ भीषण मुठभेड़ में मारे जाने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी ने आज यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की।
मुठभेड़ के बाद इस बात के संकेत मिले हैं कि आतंकवादी मुंबई हमले की बारहवीं बरसी यानी 26 नवम्बर के आस-पास बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे।
यह जानकारी मिलने के बाद प्रधानमंत्री ने गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल हौर विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला तथा खुफिया एजेन्सियों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
मुठभेड़ के बाद जांच में खुफिया एजेन्सियों को पता चला है कि मारे गये आतंकवादी जैश ए मोहम्मद के थे और वे मुंबई हमलों की 12 वीं बरसी से पहले किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश के तहत यहां आये थे।
उल्लेखनीय है कि मारे गये आतंकवादियों के पास से बड़ी मात्रा में हथियारों का जखीरा बरामद किया गया है। सुरक्षा बलों का कहना है कि हाल फिलहाल इतनी बड़ी संख्या में पहली बार इतने हथियार बरामद हुए हैं।
बैठक के बाद मोदी ने टि्वट कर सुरक्षा बलों के अदम्य साहस और बहादुरी की सराहना करते हुए आतंकवादियों के मंसूबों पर पानी फेरने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
मोदी ने कहा कि पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े चार आतंकवादियों को उनके मंसूबों में नाकाम कर जिस पैमाने पर हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है उससे संकेत मिलते हैं कि आतंकवादियों की साजिश भारी तबाही मचाने की थी, सुरक्षाबलों ने एक बार फिर उन्हें मात दी है।
प्रधानमंत्री ने कहा , हमारे सुरक्षा बलों ने एक बार फिर से अदम्य साहस और उत्कृष्ट सैन्य संचालन का प्रदर्शन किया है। उनकी सजगता के लिए उन्हें धन्यवाद, उन्होंने जम्मू-कश्मीर में विस्फोट करने के लिए रची गई इस कायराना साजिश को नाकाम कर दिया है।