वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सोमवार को स्कूली बच्चों के संग 68वां जन्मदिन मनाते हुए कहा कि जो खेलता है, वही खिलता है।
मोदी ने रोहनियां क्षेत्र के नरउर गांव के प्राथमिक विद्यालय में नौनिहालों से संवाद करते हुए उन्हें पढ़ाई के साथ खेल-कूद का महत्व समझाया। बच्चों के बीच खड़े होकर उन्होंने कहा कि जो खेलता है, वही खिलता है। बच्चों को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि दिन में कम से कम चार बार कोई उछल-कूद का मेहनत वाला काम करना चाहिए जिससे पसीने आ जाएं।
उन्होंनेे अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए बच्चों को बताया कि वे गांव के पुस्तकालय से किताबें लेकर पढ़ा करते थे। उन्होंने बच्चों से पढ़ाई की आदत डालने की सलाह देते हुए कहा कि पढ़ाई का बहुत फायदा है। परमात्मा ने ऐसा दिमाग बनाया है कि पता नहीं कब पढ़ा हुआ याद आ जाए।
प्रधानमंत्री ने बच्चों से सवाल पूछने की आदत डालने की नसीहत देते हुए कहा कि इससे मन के अंदर छिपी शंकाओं का अच्छी तरह से समाधान हो जाता है। शिक्षक से सवाल पूछने में नहीं झिझकना चाहिए।
भगवान विश्वकर्मा को याद करते हुए मोदी ने कहा कि जीवन में कौशल का बड़ा महत्व है। किताबी ज्ञान के साथ-साथ कौशल भी आना चाहिए। उन्होंने बच्चों को साइकिल एवं तैराकी का उदाहरण देते हुए कहा बिना किसी की मदद लिए खुद खीखने की आदत डालने से आगे बढ़ना आसान हो जाता है। खुद के अनुभव आगे बढ़ने में अधिक मददगार होते हैं।
उन्होंने बच्चों कहा कि सिर्फ स्कूल, किताब और टीवी के साथ समय बिताने से काम नहीं चलेगा। खुले मैदान में खेलना भी जरूरी है। बच्चे प्रधानमंत्री को ध्यान से सुन रहे थे। प्रधानमंत्री ने ‘रूम टू रीड’ के डिजिटल क्लास में शिक्षक की भूमिका में नजर आए।
उन्होंने बच्चों से कहा कि वे देखने आए हैं कि तकनीक से बच्चों को सीखने में कितनी सुविधा होती है। उन्होंने बच्चों से कई सवाल पूछे तो बच्चों ने भी उनसे उनके बचपन के बारे में कई प्रश्न पूछे जिसका उन्होंने हंसते हुए जवाब दिया। उन्होंने बच्चों से कहा कि वे बचपन में बहुत शरारत किया करते थे।
उन्होंने अपने दो दिवसीय दौरे की शुरुआत रोहनियां इलाके में नरउर गांव के प्राथमिक विद्यालय में बच्चों संग खुशियां बांटने के साथ की। यहां पहुंचने पर लोगों ने गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया। उनकी एक झलक पाने के लिए कार्यक्रम स्थल मार्ग के किनारे खड़े सैकड़ों लोगों ने “हर-हर महादेव” के जयकारे लगाकर उनका स्वागत किया।
बच्चों ने “काशी के आंगन में आवे ला प्रधानमंत्री” जैसे भोजपुरी स्वागत गान से उनका स्वागत किया। स्कूल पहुंचने पर नन्ने स्काउट गाइड ने उनकी आगवानी की और स्कूल परिसर के अंदर ले गए।
मोदी के दौरे की सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन ने रातों-रात गांव की तस्वीर बदल दी। सिर्फ चार दिनों में यहां के स्कूल, मंदिर, कुंड, सड़क एवं बिजली आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्त किये जाने से गांव के लोग बेहद खुश हैं। गांव में उत्सव का माहौल है। वे इसे किसी अपने कुलदेवता बाबा वाणासुर का चमत्कार मान रहे हैं कि मोदी ने इस गांव को अपना जन्मदिन मनाने के लिए चुनाव किया।
स्कूली बच्चों से मिलने के बाद मोदी डीरेका पहुंचे जहां उन्होंने मलीन बस्तियों के बच्चों एवं आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से संवाद किया। बच्चों ने उन्हें जन्म दिन की बधाईयां दीं।
मोदी रात्रि विश्राम डीरेका में करेंगे तथा मंगलवार की सुबह करीब 10 बजे काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) परिसर में आयोजित भव्य समारोह में 557 करोड़ रुपए की विकास परियोजाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण कर लोगों को संबोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री पुरानी काशी के शहरी क्षेत्र में बिजली वितरण व्यवस्था से जुड़ी इंटीग्रेटेड पॉवर डेवलपमेंट स्कूीम (आईपीडीएस), 3722 मजरों में विद्युतीकरण, सिंगल फेज के 90 हजार मीटर लगाने कार्य, 33X11 के0वी0 विद्युत उपकेंद्र, नागेपुर ग्राम पेयजल योजना, बीएचयू में अटल इंक्यूबेशन सेंटर का लोकार्पण के अलावा सोलर से चलने वाली तीन खादी वस्त्र तैयार करने में सहयोग देने वाली मशीनें, 500 मधुमक्खी बॉक्स, कुंभकारी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 260 विद्युत चाक, 26 आधुनिक भट्टी आदि का वितरण करेंगे।
इसके अलावा मोदी बीएचयू में उत्तर प्रदेश सरकार के धर्मार्थ कार्य विभाग के सहयोग से वैदिक विज्ञान केंद्र की स्थापना, चोलापुर में 2X40 एमवीए क्षमता वाले 132 केवी विद्युत उपकेंद्र का निर्माण और आंखों की बीमारी की विशेषज्ञता वाली “इंस्टीट्यूट ऑफ ऑफ्थेल्मोलॉजी” की स्थापना आदि परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे।
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