वाराणसी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने डीजल इंजनों के पुर्जों की मदद से तैयार की गये देश के पहले उच्च अश्व शक्ति विद्युत रेल इंजन को मंगलवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हरी झंडी दिखाकर राष्ट्र को समर्पित किया।
मोदी ने डीजल इंजन रेल कारखाना (डीरेका) परिसर में विद्युत इंजन के अलावा एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया, जिसमें डीरेका की स्थापना से लेकर अब तक की विकास यात्रा को बेहतर तरीके से दर्शाया गया है। इस अवसर राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय संचार (स्वतंत्र प्रभार) एवं रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा समेत रेल मंत्रालय एवं डीरेका के अनेक अधिकारी मौजूद थे।
डीरेका अधिकारियों ने बताया कि परिवर्तित विद्युत रेल इंजन का निर्माण मोदी की महात्वाकाक्षी ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत किया गया है। यहां के इंजीनियरों ने बेकार हो गईं इंजनों के अच्छे पुर्जों के मिलाकर नई इंजन बनाना कर रेलवे के इतिहास में एक मिसाल व कायम की है। निर्माण के बाद इस इंजन का पर्याप्त परीक्षण किया गया है। इसके बाद लोकार्पण किया गया है।
उन्होंने बताया कि दस हजार अश्व क्षमता वाली यह विद्युत इंजन दो पुरानी डीजल रेल इंजनों के पुर्जों की मदद से मात्र 69 दिनों के रिकॉर्ड समय में तैयार की है। यह इंजन अधिक भार वाली मालगाड़ियों को सुगमता से खींचने में पूरी रह सक्षम है। परिवर्तित इंजन की डीजल इंजन के मुकाबले 92 फीसदी अधिक शक्ति है। खास बात यह कि इसके इस्तेमाल से प्रदूषण में भी भारी कमी होगी और सालाना प्रति इंजन 1.9 करोड़ रुपये तक की बचत का अनुमान है।