नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को देश के शहीदों को याद करते हुए ऐतिहासिक लाल किले में नेताजी सुभाषचंद्र बोस संग्रहालय का उद्घाटन किया और उनके योगदान का स्मरण किया।
मोदी ने यहाँ नेताजी की 122वीं जयंती पर उनकी इंडियन नेशनल आर्मी का जिक्र करते हुए इस संग्राहलय का उद्घाटन करने के बाद कहा कि नेताजी एक बड़ी शख्सियत थे जिन्होंने भारत को आज़ाद करने और देशवासियों को गरिमा के साथ जीने के लिए अपना सर्वस्व त्याग दिया। हम एक मजबूत भारत के निर्माण के लिए उनके आदर्शों को पूरा करने वास्ते समर्पित हैं।
उन्होंने कहा कि इस किले की दीवारों से इतिहास गूंजता है और इसी किले में नेताजी के सेनानी कर्नल प्रेम सहगल, कर्नल गुरुबख्श सिंह ढिल्लो, मेजर जनरल शाह नवाज़ खान का ट्रायल हुआ था। प्रधानमंत्री ने संग्रहालय में लगी नेताजी की दुर्लभ तस्वीरों और कलाकृतियों, उपहारों, पदकों, वेशभूषा, बैज आदि का अवलोकन किया। उन्होंने लाल किले में जलियांवाला बाग़ संग्रहालय, यादें जालियां तथा प्रथम स्वाधीनता संग्राम 1857 के संग्रहालय तथा दृश्यकला संग्रहालय का भी अवलोकन किया।
उन्होंने दृश्यकला संग्राहलय में भारतीय कला की प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कहा कि गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर की कलाकृतियों की चर्चा करते हुए कहा कि गुरुदेव की ये कलाकृतियाँ कला प्रेमियों के लिए एक उपहार है।श्री टैगोर एक बड़े लेखक ही नहीं बल्कि विश्व कला से जुड़े भी थे और उनकी कलाकृतियों का दुनिया भर में प्रदर्शन हुआ हैं। उन्होंने कला प्रेमियों से अपील की कि वे दृश्यकला आकर भारतीय कला एवं संस्कृति की झांकी को देखें तथा इस प्रदर्शनी में राजा रवि वर्मा, अमृता शेरगिल टैगोर, नंदलाल बोस, जैमिनी राय, गगेन्द्र नाथ टैगोर आदि के चित्रों का अवलोकन करें।
उन्होंने कहा कि इन चारों संग्रहालयों को क्रांति मन्दिर नाम दिया गया है जिसमें तीन शताब्दियों की 450 चुनिन्दा कलाकृतियों को शामिल किया गया है। क्रांति मंदिर में द्वितीय विश्व युद्ध की भी तस्वीरें हैं। इस अवसर पर केन्द्रीय संस्कृति महेश शर्मा, संस्कृति मंत्रालय एवं भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।