Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
pm Modi inaugurated the country's longest railway-road bridge - प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सबसे लंबे रेल-सड़क पुल का किया लोकार्पण - Sabguru News
होम Northeast India Assam प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सबसे लंबे रेल-सड़क पुल का किया लोकार्पण

प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सबसे लंबे रेल-सड़क पुल का किया लोकार्पण

0
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सबसे लंबे रेल-सड़क पुल का किया लोकार्पण
pm Modi inaugurated the country's longest railway-road bridge
pm Modi inaugurated the country's longest railway-road bridge
pm Modi inaugurated the country’s longest railway-road bridge

गुवाहाटी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पूर्वी असम के डिब्रूगढ़ जिले में ब्रह्मपुत्र नदी पर बने देश के सबसे लंबे रेल-सह-सड़क पुल का लोकार्पण किया।

मोदी ने 4.94 किलोमीटर लंबी डबल लाइन बीजी ट्रैक और तीन लाइन की सड़क का डिब्रूगढ़ के दक्षिणी छोर से यात्री ट्रेन को झंडी दिखाकर शुरुआत की। उन्होंने इसके साथ ही लाल फीता काटकर थ्री लेन रोड बोगीबील पुल का औपचारिक रूप से उद्घाटन किया।

उद्घाटन करने के बाद मोदी के वाहनों का बोगीबील पुल को पार करने वाले पहला काफिला बना। मोदी पुल के पास ब्रह्मपुत्र तट पर खड़े लोगों का अभिवादन करते हुए थोड़ी दूर पैदल चले और बाद में खुली जीप में सवार होकर अपने गमछा लहराते हुए पुल को पार किया।

इस मौके पर रेल मंत्री पीयूष गोयल, असम के राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी, मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

बोगीबील पुल परियोजना असम समझौता 1985 का हिस्सा है और संयुक्त मोर्चा सरकार के कार्यकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने 22 जनवरी 1997 को इस पुल की आधारशिला रखी थी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी के कार्यकाल में 21 अप्रेल 2002 को इस पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था।

वर्ष 2007 में केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया ताकि तेजी से इस पुल के निर्माण के लिए धनराशि मुहैया करायी जा सके। शुरू में इस परियोजना के लिए स्वीकृत अनुमानित लागत 3230.02 करोड़ रुपए थी, जिसे संशोधित कर रेलवे बोर्ड ने 4,857 करोड़ की अनुमानित राशि की मंजूरी दी थी।

उल्लेखनीय है कि चार हजार किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा का 75 प्रतिशत हिस्सा अरुणाचल प्रदेश में पड़ता है और इस पुल के निर्माण से भारतीय सेना को काफी मदद मिलेगी।