डेरा बाबा नानक। करतारपुर साहिब कोरीडोर की एकीकृत जांच चौकी का उदघाटन करने से पहले शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी की समागम समारोह में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्हें आज करतारपुर कोरीडोर को समर्पित करने पर वैसी अनुभूति महसूस हो रही है जैसी आप लोगों को कार सेवा के समय होती है।
करतारपुर कोरीडोर आज से श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएगा। इस मौके पर मंच पर उपस्थित पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, राज्यपाल वीपी बदनोर, पंजाब के मंत्री, विधायक, सांसद, केन्द्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्य, एसजीपीसी के प्रधान गोबिंद सिंह लोंगोवाल और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल तथा अन्य उमंग उत्साह से लबरेज महानुभावों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि गुरू नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पर उनकी इस पावन धरती पर वह अपने को धन्य महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने इस मौके पर देश-विदेश और पंजाब के सिख भाइयों को बधाई देते हुए कहा कि इस पावन धरा पर सेवाभाव बढ़ता है और मैं प्रार्थना करता हूं कि गुरू नानक देव जी का आशीर्वाद उन पर बना रहे ताकि वे लोगों की बढ़ चढ़कर सेवा कर सकें। आज का पावन तथा ऐतिहासिक दिन दोहरी खुशी लेकर आया है। इस कोरीडोर के खुलने से गुरूद्वारा साहिब के दर्शन आसान हो जाएंगे।
उन्होंने कोरीडोर बनाने में जिनका भी योगदान रहा चाहे वे श्रमिक हों या अन्य सभी का आभार जताया और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी का इस बात केे लिए धन्यवाद किया कि उन्होंने भारत की भावना को समझकर उसके अनुरूप कार्य किया। उन्होंने पाकिस्तान के उन साथियों का धन्यवाद किया जिन्होंने सीमा पार के कोरीडोर बनाने में योगदान दिया।
उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव पूरी मानवता के लिए प्रेरणा पुंज हैं। नानक एक विचार है, जीवन का आधार है। हमारी संस्कृति, सोच, विचार, कथनी सभी कुछ गुरू नानक देव जैसी पुण्य आत्माओं द्वारा गढ़ी गई। किसे मालूम था कि वह युग बदलने वाला है। वह सामाजिक परिवर्तन की मिसाल थे। उन्होंने समाज में एकता, भाईचारा, समानता और प्रेम शांति का रास्ता दिखाया। जो व्यवस्था सच्चाई, आत्म सम्मान पर टिकी हो उसके लिए तरक्की के रास्ते खुल जाते।
मोदी ने कट्टरपंथियों पर निशाना साधते हुए कहा कि धर्म तो आता जाता रहता है लेकिन सच्चे मूल्यों का कभी नाश नहीं होता। मूल्यों पर अडिग रहकर काम करने से खुशहाली तथा समृद्धि आती है। करतारपुर के कण कण में गुरू जी के पसीने की महक समाई हुई है। वायु में उनकी वाणी घुली हुई है। इसी धरती पर हल चलाकर उन्होंने कीरत करो, नाम जपो और मिल बांटकर खाओ का उदाहरण पेश किया। एकता और भाईचारे की मिसाल तथा संदेश कहीं नहीं मिलता।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 550 साल पहले गुरू नानक देव ने समानता पर बल दिया और उन्होंने जो कहा उसे पहले अपने जीवन में धारण किया। उन्होंने प्रकृति के गुणों का गायन किया लेकिन हम अपनी जड़ों से दूर हुए वैसे ही दुखों ने घेर लिया। हम प्रकृति का दोहन, प्रदूषित करना, जल की बर्बादी कर रहे हैं। उनके समय में पंजाब में पांचों नदियां पानी से भरपूर थीं। उन्होंने कहा था कि जल संरक्षण को प्राथमिकता देनी चाहिए क्योंकि पानी से ही सृष्टि को जीवन मिलता है लेकिन आज हम ये सब भूल गए। गुरूवाणी कह रही है कि वापस लौटो और संस्कारों को याद करो। हमारे समृद्ध अतीत ने सब कुछ दिया था। अब जागने का समय है।
उन्होंने कहा कि जात पात, अंध विश्वास तथा कुरीतियों के खिलाफ साधु संतों, पीर फकीरों ने आवाज बुलंद की। अब हमें भी भारत का अहित सोचने वाली ताकतों से सजग रहने की जरूरत है तथा ऐसी ताकतों से आने वाली पीढ़ियों को दूर रखना होगा तथा पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देना होगा।
इससे पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने करतापुर कोरीडोर बनाने तथा खोलने के लिए मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि 72 साल के बाद सिख संगत की चिरलंबित मांग पूरी हो रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान बनने के बाद जो गुरू घर पाक में रह गए उनके दर्शनों का रास्ता भी साफ होगा।
कैप्टन सिंह ने पाकिस्तान की ओर निशाना साधते हुए कहा कि पड़ोसी देश को समझ लेना चाहिए कि अब समय बदल रहा है और शांति और प्यार की आवाज उठ रही है। पाक को अब हमारे खिलाफ इस्तेमाल किए जाने वाले पैसे को अपनी जनता की खुशहाली के लिए सड़कें, बिजली पानी और शिक्षा पर खर्च करना चाहिए। पंजाब की देखभाल करना हमारी जिम्मेवारी है।
उन्होंने कहा कि आज पंजाब के पास पानी की कमी है और यदि ध्यान न दिया तो पंजाब एक दिन रेगिस्तान बन जाएगा। जब पानी नहीं तो फसलें कहां से होंगी। यह बात तो गुरू नानक देव बहुत पहले कह गए थे कि पानी धरती और वायु की संभाल करो।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने करतारपुर कोरीडोर खोले जाने की मांग पूरी करने के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह स्थल धार्मिक पर्यटन बनने जा रहा है क्योंकि नानक नामलेवा इसके दर्शनों के लिए आएंगे। उन्होंने कैप्टन सरकार से आग्रह किया कि करतारपुर की ओर आने वाली सभी सड़कें पक्की की जाएं।
भारत और पाकिस्तान ने पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने के लिए एक समझौते के तहत 4.2 किलाेमीटर लंबे इस गलियारे का निर्माण किया है। मोदी वहां जाने वाले पहले श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को रवाना करेंगे। इस जत्थे में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कई अन्य गणमान्य हस्तियां शामिल हैं। भारत और पाकिस्तान ने इस गलियारे के संबंध में गत 24 अक्टूबर को हस्ताक्षर किए थे। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 22 नवम्बर 2018 को गुरू नानक देव की 550वीं जयंती को धूमधाम से मनाने के संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया था।
दोनों देशों ने जो समझौता किया है उसके तहत सभी धर्मों को मानने वाले भारतीय श्रद्धालु गलियारे का उपयोग कर सकते हैं। यात्रा के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं है। श्रद्धालुओं के पास केवल वैधानिक पासपोर्ट होना चाहिए। पाकिस्तान ने प्रतियात्री 20 डॉलर यानी करीब 1500 रुपए का शुल्क लगाया है।