अजमेर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को स्वच्छता के लिए सेवा अभियान के तहत अजमेर के ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से सीधा संवाद कर दरगाह के विकास की जानकारी ली।
उन्होंने अजमेर में दरगाह पर चढ़ाए जाने वाले पुष्पों का पर्यावरण हितैषी आस्था के साथ निपटान की तारीफ की। इसे आस्था के साथ पर्यावरण की शुद्धता बनाए रखने के लिए जन जागरूकता की दिशा में कदम बताया।
वीडियो कॉफ्रेसिंग के दौरान प्रधानमंत्री ने बताया कि आम तौर पर लोग मन्दिरों में चढ़ाए फूलों को नदियों में विसर्जन कर देते हैं। जिससे गंदगी फैलती है। उससे जल स्त्रोत भी प्रभावित होते है। इस संबंध में सभी को शिक्षित किया जाना जरूरी है। अजमेर में इस संबंध में किए जा रहे प्रयास सराहनीय है। जो स्मार्ट सिटी बनाए जाने की दिशा में अच्छा प्रयास है।
अंजूमन सैयद जादगान के अध्यक्ष सैयद मोईन हुसैन चिश्ती ने बताया कि दरगाह में चढ़ाए जाने वाले इन फूलों की खाद बनायी जाती है। इस खाद के छोटे पाउच को श्रद्धालू अपने साथ लेकर जाते हैं। इस खाद का उपयोग वे अपने घर के गमले में करते है। इससे प्रत्येक श्रद्धालू के घर में गमले में पौधे विकसित होते है। चूंकि यह खाद ख्वाजा साहब के प्रति आस्था को मजबूत करती है। इसलिए उस पौधे के प्रति भी श्रद्धा का भाव उत्पन्न होता है।
इस प्रकार विश्व के विभिन्न स्थानों तक यह खाद आस्था का पैगाम लेकर जाती है। उन्होंने स्वच्छता की दिशा में नगर निगम द्वारा करवाए जा रहे घर-घर कचरा संग्रहण के बारे में प्रधानमंत्री को अवगत कराया। वर्तमान सरकार में दरगाह के विकास के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि दरगाह विकास के लिए हाल ही 61 करोड़ 22 लाख रूपए का एमओयू भी हुआ है। जो दरगाह के विकास में पहला कदम है।
अंजूमन यादगान के अध्यक्ष शेख अब्बदुल जर्रार चिश्ती ने बताया कि अजमेर को स्मार्ट सिटी तथा आईकॉनिक पैलेस का तोहफा मिला है। इससे दरगाह की स्वच्छता विश्व स्तर की होगी। वर्तमान में सफाई व्यवस्था प्रशंसनीय है।
वीडियो कॉफ्रेंसिंग के समय जिला कलक्टर आरती डोगरा, दरगाह नाजीम आईबी पीरजादा, प्रशिक्षु आईएएस तेजस्वी राना, अतिरिक्त जिला कलक्टर अबु सूफिरूान चौहान तथा एनआईसी के अंकुर गोयल उपस्थित थे।