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कोरोना के विरूद्ध महायज्ञ में सभी की आहूति : प्रधानमंत्री मोदी - Sabguru News
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कोरोना के विरूद्ध महायज्ञ में सभी की आहूति : प्रधानमंत्री मोदी

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कोरोना के विरूद्ध महायज्ञ में सभी की आहूति : प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्र्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने वैश्विक कोविड-19 महामारी के विरूद्ध संघर्ष में समाज के प्रत्येक तबके के योगदान की सराहना करते हुए रविवार को कहा कि हर व्यक्ति इस महायज्ञ में आहूति देने के लिए आतुर है।

मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ के दूसरे खंड की 11वीं कड़ी में देशवासियों को संबोधित करते हुुए कहा कि महामारी से निपटने के लिए बनाए गए डिजीटल प्लेटफार्म ‘कोविडवारियर्स डाट गोव डाट इन’ से सवा करोड़ से अधिक लोग स्वैच्छिक रुप से जुड़े चुके हैं। इस में डाक्टर, नर्स, स्वास्थ्यकर्मी, राष्ट्रीय कैडेट कोर और अन्य स्वयंसेवी संगठनों के लोग शामिल है जो कोविड के खिलाफ इस युद्ध में अपना योगदान करना चाहते हैं।

उन्होेंने कहा कि भारत की कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई सही मायने में जनता द्वारा संचालित है। भारत में कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई जनता लड़ रही है, आप लड़ रहे हैं, जनता के साथ मिलकर शासन, प्रशासन लड़ रहा है। भारत जैसा विशाल देश, जो विकास के लिए प्रयत्नशील है, ग़रीबी से निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है। उसके पास, कोरोना से लड़ने और जीतने का यही एक तरीका है। पूरा देश, देश का हर नागरिक, जन-जन, इस लड़ाई का सिपाही है, लड़ाई का नेतृत्व कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब पूरा विश्व इस महामारी के संकट से जूझ रहा है और भविष्य में जब इसकी चर्चा होगी तो भारत की यह जनता की लड़ाई की ज़रुर चर्चा होगी। उन्हाेंने कहा कि पूरे देश में, गली-मोहल्लों में, जगह-जगह पर, आज लोग एक-दूसरे की सहायता के लिए आगे आए हैं। ग़रीबों के लिए खाने से लेकर, राशन की व्यवस्था हो, लॉकडाउन का पालन हो, अस्पतालों की व्यवस्था हो, चिकित्सा उपकरणों का देश में ही निर्माण हो। पूरा देश, एक लक्ष्य, एक दिशा, साथ-साथ चल रहा है। ताली, थाली, दीया, मोमबत्ती, इन सारी चीज़ों ने भावनाओं को जन्म दिया। देशवासियों ने कुछ-न-कुछ करने की ठान ली है।

मोदी ने कहा कि देश में एक बहुत बड़ा महायज्ञ चल रहा है, जिसमें, हर कोई अपना योगदान देने के लिए आतुर है। किसान इस महामारी के बीच अपने खेतों में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। हर कोई, अपने सामर्थ्य के हिसाब से, इस लड़ाई को लड़ रहा है। कोई किराया माफ़ कर रहा है, तो कोई अपनी पूरी पेंशन या पुरस्कार में मिली राशि को पीएम केयर्स में जमा करा रहा है। कोई खेत की सारी सब्जियाँ दान दे रहा है, तो कोई, हर रोज़ सैकड़ों ग़रीबों को मुफ़्त भोजन करा रहा है। कोई मास्क बना रहा है, कहीं हमारे मजदूर भाई-बहन एकांत में रहते हुए, जिस स्कूल की रंगाई-पुताई कर रहे हैं।

उन्होेंने कहा कि दूसरों की मदद के लिए उमड़ता-घुमड़ता भाव कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई को ताकत दे रहा है। पिछले कुछ साल में देश में यह मिज़ाज बना है और निरंतर मज़बूत हो रहा है। करोड़ों लोगों ने गैस सब्सिडी और रेलवे टिकट सब्सिडी छोड़ी है। स्वच्छ भारत अभियान में हिस्सा लिया है और एक होकर देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा दी है।

पुलिसकर्मियों के सेवाभाव से लोगों की सोच में आया बदलाव

मोदी ने इस बात पर खुशी जाहिर की है कि कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान देश में पुलिसकर्मियों ने जिस सेवाभाव का परिचय दिया है, उससे पुलिस के प्रति लोगों की सोच में बहुत बड़ा बदलाव आया है।

मोदी ने कहा कि यह बड़ा बदलाव सोशल मीडिया पर भी देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान, लोग अपने इन साथियों को न सिर्फ़ याद कर रहे हैं बल्कि उनकी ज़रूरतों का ध्यान भी रख रहे हैं और उनके बारे में, बहुत सम्मान से लिख भी रहे हैं। देश के हर कोने से ऐसी तस्वीरें आ रही हैं कि लोग सफाई-कर्मियों पर पुष्प-वर्षा कर रहे हैं। पहले, उनके काम पर संभवतः आप भी ध्यान नहीं देते थे। डॉक्टर हों, सफाईकर्मी हों, अन्य सेवा करने वाले लोग हों – इतना ही नहीं, हमारी पुलिस-व्यवस्था को लेकर भी आम लोगों की सोच में काफ़ी बदलाव हुआ है।

पुलिस के प्रति लोगों में आए भावनात्मक बदलाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पहले पुलिस के विषय में सोचते ही नकारात्मकता के सिवाय, हमें कुछ नज़र नहीं आता था। हमारे पुलिसकर्मी आज ग़रीबों, ज़रूरतमंदो को खाना पंहुचा रहे हैं, दवा पंहुचा रहे हैं। जिस तरह से हर मदद के लिए पुलिस सामने आ रही है इससे उनका मानवीय और संवेदनशील पक्ष हमारे सामने उभरकर आया है और उसने हमारे मन को झकझोर दिया है, हमारे दिल को छू लिया है।

मोदी ने कहा कि पुलिस के जवान पूरे देश में लगन से अपनी ड्यूटी के साथ ही जनता की भी सेवा कर रहे हैं और भूखों को खाना पहुंचा रहा है। इससे उनके प्रति लोगों का भाव बदला है। उन्होंने कहा कि यह ऐसा अवसर है जिसमें आम-लोग, पुलिस से भावात्मक तरीक़े से जुड़ रहे हैं। हमारे पुलिसकर्मियों ने इसे जनता की सेवा के एक अवसर के रूप में लिया है और मुझे पूरा विश्वास है, इन घटनाओं से आने वाले समय में, सच्चे अर्थ में, बहुत ही सकारात्मक बदलाव आ सकता है और हम सबको इस सकारात्मकता को कभी भी नकारात्मकता के रंग से रंगना नहीं है।