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रचनात्मक सहयोग कैसे किया जाता है, BJP की राजस्थान इकाई से सीखें : मोदी - Sabguru News
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रचनात्मक सहयोग कैसे किया जाता है, BJP की राजस्थान इकाई से सीखें : मोदी

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रचनात्मक सहयोग कैसे किया जाता है, BJP की राजस्थान इकाई से सीखें : मोदी

जयपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि हम सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, रचनात्मक सहयोग कैसे किया जाता है, जनता के सुख-दुःख में कंधे से कंधा मिलाकर कैसे खड़ा रहा जाता है, यह राजस्थान की भाजपा इकाई ने बताया है।

माेदी ने आज ‘सेवा ही संगठन’ कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राजस्थान, कर्नाटक, असम, महाराष्ट्र, बिहार, दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश भाजपा इकाईयों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस महामारी काल में एक बहुत बड़ी लड़ाई राजनीतिक दल होने के नाते हमने लड़ी है। हम सब कार्यकर्ता बधाई के पात्र हैं और इस महामारी की लड़ाई में सहयोग करने वाले समाजसेवी, सामाजिक संगठन और कोरोना वाॅरियर्स भी अभिनन्दन के पात्र हैं।

उन्होंने कहा कि देशभर में भाजपा द्वारा किए गए सेवा कार्य एवं नवाचारों का बूथ स्तर तक डिजिटल संग्रहण होना चाहिए एवं इसके लिए एक एडिटाॅरियल बोर्ड बनाकर विभिन्न आयामों, सेवा कार्यों का स्थानीय भाषा सहित तीन भाषाओं में भी प्रकाशन होना चाहिए। उन्होंने 25 सितम्बर तक देश की सभी भाजपा इकाईयों को यह डिजिटल संग्रहण करने का आहृान किया है।

मोदी ने कहा कि इस कोरोना काल के आफत के समय को भी हमने अवसर के रूप में बदला है और भाजपा ने अपने आपको डिजिटल एडिशन में परिवर्तित कर लिया है। हमारा संगठन चुनाव जीतने की मशीन नहीं है, हमारे लिए संगठन का मतलब है सेवा, सबका साथ, सबका सुख, समाज हित में कार्य और संघर्ष करना। हमारे लिए राष्ट्र प्रथम है और राष्ट्रहित के भाव को स्थापित करने में हमारी कई पीढ़ियां खप गई। हमारे पूर्वगामियों की तपस्या से ही हमको यह सब मिला है, तो हमारे काम और मेहनत का फल आने वाली पीढ़ियों को मिलेगा।

उन्होंने कहा कि इस महामारी में भाजपा ने समाज के सभी वर्गों के बीच में जाकर सेवा कार्य किया है। दलितों और वंचितों को सशक्त करने का प्रयास किया है और हमारी स्वीकार्यता का ही परिणाम है कि आज भाजपा के 52 दलित सांसद हैं, 45 आदिवासी सांसद, तो वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग के 113 से अधिक सांसद हैं।

मोदी ने कहा कि राजनीति का मूल स्वभाव स्पर्धा होता है, लेकिन भाजपा सेवा में स्पर्धा देखती है और यह समान भाव से सेवा का काम संगठन की शक्ति बन जाता है और व्यक्ति का विकास एवं व्यक्तित्व का विकास हमारी मूल अवधारणा है। उन्होंने कहा कि इस महामारी में समाज ने भी कंधे से कंधा मिलाकर हमारे संगठन का साथ दिया। समाज ने हमको ‘स्नेह’ भी दिया, ‘सामान’ भी दिया और ‘सम्मान’ भी दिया।

मोदी ने सभी कार्यकर्ताओं को संदेश देते हुए कहा कि हमें आजीवन सात ‘स’ का ध्यान रखना चाहिए- सेवा भाव, सन्तुलन, समर्पण, समन्वय, सकारात्मकता, सद्भावना, संवाद, ये सातों ‘एस’ हमें समाज जीवन में सफल होने में सहायता करेंगे।