नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घरों के निर्माण में अधिक से अधिक आधुनिक तकनीकों के उपयोग पर जोर देते हुए शनिवार को कहा कि उनकी सरकार किफायती मकानों के निर्माण पर ध्यान केन्द्रीत कर रही है।
मोदी ने यहां निर्माण प्रौद्योगिकी इंडिया 2019 सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में ‘लाईट हाउस’ के निर्माण पर काम चल रहा है और इसके लिए उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा और कई अन्य राज्यों का चयन किया गया है। इन राज्यों में नई -नई तकनीक का उपयोग करके घरों का निर्माण किया जाएगा। मकानों का निर्माण इको फ्रेंडली और आपदा को ध्यान में रख कर किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर युवाओं में कौशल विकास कर घर बनाने की तकनीक को निचले स्तर पर ले जाया गया है और अब हजारों महिलाओं को भवन निर्माण का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे उन्हें रोजगार के अवसर मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि देश के गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के लोगों के लिए अपने घर का सपना दूर होता जा रहा था जो ठीक नहीं था। उनकी सरकार ने इन वर्ग के लोगों के आवास रिण पर ब्याज दर पहले की तुलना में कम किया है जिससे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान के लिए रिण लेने वाले लोगों को पांच से छह लाख रुपये का फायदा होगा। घर खरीदने वाले लोगों के आर्थिक फायदे के लिए नियमों में बदलाव भी किए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मकान बनाने और उसे खरीदने वालों की परेशानी को दूर करने के लिए कानूनों में बदलाव किया गया है तथा नियमों को बेहतर बनाया गया है। भवन निर्माण सामग्री पर वस्तु एवं सेवा कर की दर को एक प्रतिशत कर दिया गया है तथा निर्माणाधीन मकानों में यह कमी 12 से घटा कर पांच प्रतिशत कर दी गई है। मध्यम वर्ग के घरों के लिए अलग से कोष का भी प्रबंध किया गया है।
मोदी ने कहा कि बहुत से लोगों को अपना घर नहीं है। सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2022 तक सभी को मकान उपलब्ध कराने का संकल्प व्यक्त किया है। इस योजना के तहत उनकी सरकार के दौरान 1.3 करोंड़ घरों का निर्माण किया गया है जिनमें स्वच्छता , पानी, बिजली और खाना पकाने की गैस की सुविधा दी गई है। पिछली सरकार के दौरान 25 लाख घरों का ही निर्माण किया गया था।
उन्होंने कहा कि देश में तेजी से शहरीकरण हो रहा है जिसके कारण नये मकानों की जरुरत है । इसके साथ ही देश के अलग -अलग भौगोलिक स्थिति के अनुरुप घर बनाने की चुनौती है जिस पर खड़े उतरने की जरुरत है।