धनबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार के अठारह हजार गांवों में बिजली पहुंचाने के दावे को लेकर विपक्ष के सवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि नामदार (शासक) नहीं समझ सकते कामदार (मजदूर) का दर्द।?
मोदी ने यहां बलियापुर में 27 हजार करोड़ रुपए की विकास योजनाओं का शिलान्यास करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह देश की पिछली सरकारों की विफलता है, जिसके कारण कई लोग अंधेरे में जीने को मजबूर हुए। उन्होंने कहा कि वे कहते हैं मोदी केवल अमीरों के लिए काम करते हैं लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि इन 18 हजार गांवों में कितने अमीर रहते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी ने नहीं सोचा कि आजादी मिलने के कई दशक बाद भी इन गांवों में बिजली नहीं पहुंची लेकिन इन गांवों में आने वाले लोग देख सकते हैं कि मोदी सच बोल रहे हैं। कुछ लोग अफवाह उड़ा रहे हैं कि केवल कुछ घरों या खंभों तक ही बिजली पहुंची है। हालत यह है कि उन खंभों को भी उखाड़ दिया गया है।
इतना ही नहीं वे लोग कैमरा लेकर सरकार के दावों की पुष्टि करने के लिए इन गांवों में दौड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी ऐसे चार करोड़ घर हैं, जहां बिजली नहीं पहुंच पाई लेकिन केंद्र सरकार की सौभाग्य योजना के तहत इन घरों को शीघ्र ही बिजली उपलब्ध करा दी जाएगी।
मोदी ने इस दौरान सिंदरी उर्वरक कारखाने एवं पतरातू सुपर ताप विद्युत संयंत्र को दुबारा शुरू करने, देवघर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) खोलने, देवघर हवाईअड्डे का विस्तार तथा रांची के लिए गैस पाइपलाइन योजना की आधारशिला रखी।
इसके अलावा राज्य में 250 जन औषधि केंद्र खोलने के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए। मोदी ने कई कोयला परियोजनाओं के कारण विस्थापित हुए परिवार के सदस्यों के बीच नियुक्ति पत्र का वितरण भी किया।
इस मौके पर झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास, केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, आरके सिंह एवं सुदर्शन भगत के अलावा राज्य के मंत्री अमर कुमार बाउरी, रामचंद्र चंद्रवंशी, धनबाद के सांसद पीएन सिंह और सिंदरी के विधायक फूलचंद महतो उपस्थित थे।