नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद के समूल नाश के लिए जातिवाद और सम्प्रदायवाद सहित सभी मतभेदों को भुलाकर एकजुट होने की देशवासियों से अपील की है।
मोदी ने रविवार को रेडियो से प्रसारित मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में भारत माता की रक्षा की खातिर प्राणों की आहुति देने वाले वीर सपूतों को नमन करते हुए कहा कि यह शहादत आतंक को समूल नष्ट करने के लिए निरन्तर प्रेरित करेगी तथा संकल्प को और मजबूत करेगी।
उन्होंने कहा कि देश के सामने आई इस चुनौती का सामना हम सबको जातिवाद, सम्प्रदायवाद, क्षेत्रवाद और बाकी सभी मतभेदों को भुलाकर करना है, ताकि आतंक के खिलाफ़ हमारे कदम पहले से कहीं अधिक दृढ़ हों, सशक्त हों और निर्णायक हों।
उन्होंने देश की युवा पीढ़ी से आह्वान किया कि वे पुलवामा आतंकवादी हमले में जवानों की शहादत से देश के नागरिकों में उत्पन्न जज्बे और भावनाओं को जानने, समझने और जीवन में उतारने का प्रयास करें।
मोदी ने कहा कि पुलवामा के आतंकवादी हमले में वीर जवानों की शहादत के बाद देश-भर में लोगों के मन में आघात और आक्रोश है। उन्होंने कहा कि शहीदों और उनके परिवारों के प्रति चारों तरफ संवेदनाएं उमड़ पड़ी हैं। इस आतंकी हिंसा के विरोध में जो आवेग आपके और मेरे मन में है, वही भाव हर देशवासी के अंतर्मन में है और मानवता में विश्वास रखने वाले विश्व के भी मानवतावादी समुदायों में है।
आतंकवादियों और उनके मददगारों के समूल नाश के सेना के संकल्प का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल हमेशा ही अद्वितीय साहस और पराक्रम का परिचय देते आए हैं। शांति की स्थापना के लिए जहां उन्होंने अद्भुत क्षमता दिखायी है वहीं हमलावरों को भी उन्हीं की भाषा में जवाब देने का काम किया है। हमले के 100 घंटे के भीतर ही मिले परिणाम इसका परिचायक हैं।
उन्होंने कहा कि वीर सैनिकों की शहादत के बाद, उनके परिजनों की जो प्रेरणादायी बातें सामने आई हैं उसने पूरे देश के हौंसले को और बल दिया है| बिहार के भागलपुर के शहीद रतन ठाकुर के पिता रामनिरंजन जी ने, दुःख की इस घड़ी में भी जिस ज़ज्बे का परिचय दिया है, वह हम सबको प्रेरित करता है।
प्रधानमंत्री ने झारखंड के विजय सोरेन की शहादत और उनके मासूम बेटे के जज्बे का जिक्र करते हुए कहा कि जब तिरंगे में लिपटे शहीद विजय सोरेन का शव झारखण्ड के गुमला पहुंचा तो मासूम बेटे ने यही कहा कि मैं भी फौज़ में जाऊंगा| इस मासूम का जज़्बा आज भारतवर्ष के बच्चे-बच्चे की भावना को व्यक्त करता है| ऐसी ही भावनाएं हमारे वीर, पराक्रमी शहीदों के घर-घर में देखने को मिल रही हैं।
उन्होंने कहा कि हमारा एक भी वीर शहीद इसमें अपवाद नहीं है, उनका परिवार अपवाद नहीं है| चाहे वह देवरिया के शहीद विजय मौर्य का परिवार हो, कांगड़ा के शहीद तिलकराज के माता-पिता हों या फिर कोटा के शहीद हेमराज का छह साल का बेटा हो – शहीदों के हर परिवार की कहानी, प्रेरणा से भरी हुई है।
मोदी ने देशभक्ति और त्याग तपस्या को जानने के लिए इतिहास की पुरानी घटनाओं की ओर जाने के बजाय शहीद परिवारों के जज्बे को जानने और समझने का युवा-पीढ़ी से अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि देशभक्ति क्या होती है, त्याग-तपस्या क्या होती है- उसके लिए हमें इतिहास की पुरानी घटनाओं की ओर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने इस कार्यक्रम के जरिये पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी।
प्रधानमंत्री ने आपातकाल और उसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के कार्यकाल में देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए किए गए संविधान संशोधन के बहाने कांग्रेस पर तीखा हमला किया है।
उन्होंने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि उसकी सरकार ने आपातकाल के दौरान संविधान में 42वां संशोधन करके उच्चतम न्यायालय की शक्तियों को कम किया और लोकतंत्र की मजबूती के लिए स्थापित दूसरे ऐसे कई प्रावधानों को हटाया था, लेकिन देसाई ने अपने कार्यकाल के दौरान 44वां संविधान संशोधन लाकर देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को फिर से मजबूत करने का अहम काम किया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के कारण गरीब के जीवन में असाधारण परिवर्तन आया है और इसके लाभार्थियों के अनुभव दिल को छूने वाले होते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना शुरू की और पिछले पांच महीनों में लगभग 12 लाख गरीब परिवारों ने इस योजना का लाभ उठाया है।
मोदी ने आजादी के आंदोलन में भगवान ‘बिरसा मुंडा’ और देश के विकास में जमशेदजी टाटा के योगदान का उल्लेख करते हुए रविवार को कहा कि बिरसा मुंडा जैसे व्यक्तित्व ने जहां देशवासियों को अपने अस्तित्व का बोध कराया, वहीं जमशेदजी टाटा जैसी शख्सियत ने देश को बड़े-बड़े संस्थान दिए।
उन्होंने राष्ट्रीय सैनिक स्मारक को अपने कार्यकाल की महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि देशवासियों को आजादी के बाद से ही इसका इन्तजार रहा है और अब यह बनकर तैयार है तथा सोमवार को इसे देश के बहादुर सैन्य बलों को समर्पित कर दिया जाएगा।