नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान जब उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से अविश्वास का कारण पूछा तो वह उनके ‘गले पड़’ गए।
मोदी ने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान जब हमने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से अविश्वास का कारण पूछा तो वह कोई जवाब नहीं दे पाए और उनके ‘गले पड़’ गए।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि इस पूरे प्रकरण से भाजपा की ‘नफरत की राजनीति’ जाहिर होती है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस प्रकरण पर आज ट्वीट किया कि संसद में कल की बहस का मुख्य मुद्दा… प्रधानमंत्री ने अपनी बात कहने के लिए कुछ लोगों के दिलों में मौजूद घृणा, भय और रोष का इस्तेमाल किया।
गांधी ने कहा कि इसके उलट कांग्रेस सभी भारतीयों के दिलों में प्रेम और सदभाव बनाएगी जो राष्ट्र निर्माण का एकमात्र रास्ता है। गांधी ने कहा कि हम सभी भारतीयों के दिलों में प्रेम और सदभाव सिद्ध करने जा रहे हैं। यह राष्ट्र निर्माण का एकमात्र रास्ता है।
इस प्रकरण पर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने मशहूर शायर बशीर बद्र का एक शेर ट्वीट किया कि कोई हाथ भी नहीं मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से, ये नए मिजाज का शहर है जरा फासले से मिला करो।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और मोदी सरकार के मुखर आलोचक यशवंत सिन्हा ने मोदी को लगातार गले मिलने वाला ‘सीरियल हगर’ बताते हुए ट्वीट किया कि लगातार गले मिलने वाले से जब गले मिला गया।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री विदेश यात्राओं के दौरान बहुत से नेताओं से गले मिलते हैं तो क्या वह भी गले पड़ना ही कहा जाएगा।
शुक्रवार को लोकसभा के अविश्वास प्रस्ताव के समय मौजूद रहे वरिष्ठ भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट किया कि मुझे लगाता है कि राहुल गांधी ने कल दिल जीत लिया। प्रधानमंत्री जी का भाषण अगर छोटा होता तो ज्यादा प्रभावी होता।
कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा कि मोदी ने गांधी के सदभावना से गले लगने का मजाक उड़ाया है। इससे नफरत की राजनीति जाहिर होती है।
भाजपा ने शनिवार को गांधी पर निशाना साधते हुए उन्हें किसी भी सार्वजनिक महत्व के पद के लिए ‘नाकाबिल’ बताया। भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने पत्रकारों को कहा कि गांधी ने सिद्ध कर दिया कि वह गंभीर नहीं हैं। छिछोरापन राजनीति का गुण नहीं है। गांधी ने देश को दिखा दिया कि उनमें राजनीतिक नेतृत्व के लिए आवश्यक गुणों और विश्वसनीयता का पूरी तरह से अभाव हैं।
भाजपा के कुछ सांसद गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव ला सकते हैं। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कल संसद में उनके कृत्य को संसदीय आचरण के खिलाफ बताते हुए कहा था कि संसद के सामान्य शिष्टाचार और मर्यादा का पालन किया जाना चाहिए।