नई दिल्ली। संसद की कार्यवाही में गतिरोध पैदा करने के कांग्रेस और अन्य दलों के रवैये के विरोध में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के सभी सांसद गुरुवार को राष्ट्रव्यापी ‘लोकतंत्र बचाओ’ उपवास पर रहे जिसकी अगुवाई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की। पूर्वाह्न 10 बजे से शुरू हुआ यह उपवास शाम पांच बजे तक चला।
पार्टी ने कहा कि कांग्रेस के अलाेकतांत्रिक रवैये, विभाजनकारी राजनीति की प्रवृत्ति और विकास विरोधी एजेंडे को उजागर करने के लिए मोदी ने दिन भर उपवास रखा और इसके साथ-साथ अपने नियमित आधिकारिक कार्यों को भी किया।
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह कर्नाटक के हुबली में धरने पर बैठे। इस उपवास में उनका साथ पार्टी के सभी सांसदों ने दिया और इस दौरान देशभर में धरने दिए गए।
प्रधानमंत्री इस उपवास के दौरान ही चेन्नई के कांचीपुरम जिले में दसवें डिफेंस एक्पो का उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी में भारत की हथियार विनिर्माण क्षमता को दर्शाया गया है। इसके बाद प्रधानमंत्री ने चेन्नई के अडयार में कैंसर संस्थान का दौरा भी किया।
पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सत्ता से बाहर रहने के कारण पैदा हुई हताशा और कुंठा तथा अपनी लोकप्रियता के निम्नतर स्तर पर जाने के कारण कांग्रेस एक नियोजित रणनीति के तहत समाज में एक तरह का डर और देश में भ्रम की स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रही है।
समाज में नफरत और दरार पैदा करने के साथ साथ कांग्रेस पार्टी देश की शांति और सदभावना को भी नुकसान पहुंचा रही है। संसद का पूरा बजट सत्र जिसमें आम आदमी के हितों से जुड़े महत्वपूर्ण मसलों पर विचार विमर्श किया जाना था, वह कांग्रेस की गतिविधियों की वजह से पूरी तरह बाधित हुआ है।
कांग्रेस ने इस उपवास को लेकर प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि यह कुछ नहीं बल्कि फोटो खिंचवाने और ड्रामा करने का मौका है। यह समय प्रधानमंत्री के उपवास पर बैठने का नहीं बल्कि उनके रिटायरमेंट का है यदि अभी नहीं तो 2019 के बाद उन्हें रिटायर होना ही है।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने वाराणसी, रविशंकर प्रसाद ने पटना, मनोज सिन्हा ने गाज़ीपुर, महेश शर्मा ने नाेएडा, राजनाथ सिंह और धर्मेन्द्र प्रधान ने दिल्ली में, निर्मला सीतारमण ने चेन्नई में, पीयूष गोयल ने ठाणे में, प्रकाश जावडेकर ने बेंगलुरु में, एमजे अकबर ने विदिशा और के जे अल्फांस ने केरल में उपवास किया। इनके अलावा अन्य मंत्रियों ने भी अलग-अलग स्थानों पर उपवास किया।