कश्मीर जवानों के संग दीपावली मनाने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सैनिकों की जबरदस्त सराहना की और पाकिस्तान पर भी हमला बोला। मोदी दिवाली मनाने के लिए जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सेना के जवानों के बीच पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी ने वहां जवानों को मिठाई खिलाईं और दिवाली की बधाई दी। इसके बाद पीएम मोदी ने जवानों के शौर्य को याद करते हुए पाकिस्तान पर जमकर हमला बोला। पीएम ने कहा कि आजादी के बाद पाकिस्तान ने हमसे कश्मीर छीनने की कोशिश की, लेकिन हमारे सैनिकों ने उसके मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान ने अवैध रूप से कश्मीर के एक हिस्से पर कब्जा कर रखा है, जिसकी कसक मेरे अंदर है। मोदी करीब दो घंटे तक वहां रहे और एलओसी की सुरक्षा में लगे जवानों से बातचीत की। करीब एक हजार जवानों की मौजूदगी में मोदी ने कहा कि भारतीय रक्षा बलों के पराक्रम के कारण ही ये संभव हो पाया कि केंद्र सरकार ने वो निर्णय लिए जो असंभव माने जाते थे। उनका इशारा सीमा के उस पार की गई सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयर स्ट्राइक और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के विशेष दर्जे वाले प्रावधान को हटाने से जुड़े फैसले की ओर था।
उनके साथ सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत भी थे। सेना की जैकेट पहने मोदी ने जवानों को दिवाली की शुभकामनाएं दीं और मिठाइयां बांटीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जवानों के पराक्रम के कारण ही उनकी सरकार वे बड़े फैसले कर पाई जो असंभव माने जाते थे। मोदी एलओसी पर तैनात सैनिकों के साथ बातचीत करने के लिए सीधे सेना ब्रिगेड मुख्यालय पहुंचे।
पीएम मोदी के संग जवानों का भी दिखा उत्साह
दिवाली के मौके पर देश के लाखों सैनिक बॉर्डर पर तैनात रहते हैं। हमारे सैनिक देश की रक्षा करने के लिए दिन-रात, चाहे कैसा भी मौसम हो मुस्तैद बने रहते हैं। राजौरी एलओसी पर दिवाली के दिन हजारों सैनिकों का खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें दिवाली की शुभकामनाएं देने उनके बीच पहुंचे। सैनिकों ने पीएम मोदी के साथ खूब जमकर दिवाली मनाई और मिठाई भी खिलाई। गौरतलब है कि पीएम मोदी 2014 से हर साल दिवाली जवानों के बीच में ही जाकर मनाते रहे हैं। इस बार भी दिवाली पर पीएम मोदी को अपने बीच में पाकर सैनिकों में भारी उत्साह देखा गया। पीएम मोदी ने भी सैनिकों के मान सम्मान में कोई कमी नहीं रखी उन्होंने भी सैनिकों की बहादुरी की जबरदस्त सराहना की।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार