श्योपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने जन्मदिन पर नामीबिया से आए चीतों को मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में औपचारिक तौर पर बाड़े में छोड़कर लगभग 70 वर्षों बाद देश में फिर से चीता बसाने की महत्वाकांक्षी योजना की शुरूआत की। मोदी ने इसके अलावा जिले के कराहल में आयोजित महिला स्वसहायता समूहों के कार्यक्रम में भी शिरकत की।
नामीबिया से पहले चरण में आठ चीते विशेष विमान से आज ही लाए गए, जिनमें पांच मादा और तीन नर हैं। क्रमिक तौर पर कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। फिलहाल इन चीतों को वन्यजीव विशेषज्ञों की देखरेख में रखा गया है और उनकी प्रत्येक गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी जाएगी।
लगभग पांच घंटों की मध्यप्रदेश यात्रा के दौरान मोदी ने कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के लिए बनाए गए विशेष बाड़े के पास बनी मचान (ऊंचाई पर स्थित सुरक्षित स्थान) पर खड़े होकर दो विशेष पिंजरे खोले और चीते बाहर निकलकर बाड़े में विचरण करने लगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में मोदी ने चीतों को विचरण करते हुए न सिर्फ काफी नजदीक से देखा, बल्कि इन ऐतिहासिक क्षणों को अपने कैमरे में कैद भी किया।
मोदी ने राष्ट्रीय उद्यान में ही चीता मित्रों से संवाद किया। राष्ट्रीय उद्यान के कारण विस्थापित ग्रामीणों में से कुछ का चयन कर उन्हें चीता मित्र बनाया गया है, जो चीतों की सुरक्षा का कार्य देखेंगे। इसके अलावा उन्हें रोजगार मुहैया कराने के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
मोदी ने चीतों को विमुक्त करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए इस अंचल के लोगों से चीतों की सुरक्षा का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि देश में 70 सालाें बाद चीते बसाने का कार्य हो रहा है और देश के साथ ही मध्यप्रदेश के लोगों ने हमेशा उनका भरोसा कायम रखा है। इसलिए सब लोग चीतों की सुरक्षा का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि विदेश से आए चीतों को अभी अपना घर बनाना है। इसलिए लोगों को चीतों को देखने के लिए धैर्य रखना होगा। अभी ये चीते क्षेत्र से अनजान हैं। इसलिए उन्हें कुछ महीनों का समय देना होगा।
मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि लगभग 70 वर्षों पहले देश से चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया, लेकिन इन्हें फिर से बसाने के कोई प्रयास नहीं हुए। मौजूदा सरकार ने चीतों को बसाने का कार्य तेजी से किया और आज इसी वजह से भारत की धरती पर चीते आ गए हैं। उन्होंने वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में हुए कार्याें के बारे में भी विस्तार से बताया।
मोदी ने यह भी कहा कि इक्कीसवीं सदी में तेजी से उभरते भारत ने दुनिया को यह संदेश भी दिया है कि एकॉनॉमी (अर्थव्यवस्था) और एकोलॉजी (पारिस्थितिक तंत्र) विरोधाभासी नहीं हैं। यानी पर्यावरण की रक्षा के साथ देश की प्रगति भी हो सकती है। उन्होंने चीतों को फिर से भारत में बसाने के लिए नामीबिया से मिले सहयोग के लिए वहां की सरकार के प्रति आभार भी व्यक्त किया।
मोदी ने इसके बाद श्योपुर जिले के कराहल में आयोजित महिला स्वसहायता समूहों को संबोधित किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दिए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी ने कहा कि उन्हें सामान्यत: जन्मदिन के बारे में याद नहीं रहता है। लेकिन यदि समय मिल जाता है तो वे इस दिन अपनी मां से मिलने अवश्य जाते हैं। उन्होंने एक तरह से भावुक भरे अंदाज में कहा कि लेकिन आज वे इस दिन पर हजारों आदिवासी महिलाओं के बीच हैं और उनका आशीर्वाद उन्हें मिल रहा है। यह उनके लिए प्रसन्नता की बात है।
मोदी ने बताया कि पिछली शताब्दी और मौजूदा शताब्दी में यही फर्क है कि अब महिलाओं की भागीदारी प्रत्येक क्षेत्र में बढ़ती जा रही है और उनकी उपस्थिति किसी भी क्षेत्र में सफलता का परिचायक बन गया है। महिलाएं अब सेना और पुलिस के कार्य में भी बढ़चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। उन्होंने महिलाओं के विकास के लिए केंद्र सरकार की ओर से हाल के वर्षों में उठाए गए कदमों का जिक्र किया और कहा कि आर्थिक सुरक्षा मिलने से महिलाओं की स्थिति और बेहतर हो सकती है।
मोदी ने प्रदेश भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा की मौजूदगी में श्योपुर जिले के कराहल में पार्टी के युवा मोर्चा के हरा भरा मध्यप्रदेश अभियान के तहत पीपल का पौधा रोपा। इस अवसर पर प्रदेश भाजपा की ओर से श्री शर्मा ने मोदी को प्रतीक चिन्ह भी भेंट किया। मोदी के जन्मदिन पर युवा मोर्चा ने पूरे प्रदेश में 25 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है।
मोदी निर्धारित कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद श्योपुर से हेलीकॉप्टर से वापस ग्वालियर आए और दिन में लगभग सवा तीन बजे विशेष विमान से वापस लौट गए। इसके पहले मोदी दिल्ली से विशेष विमान से सुबह लगभग दस बजे ग्वालियर पहुंचे थे। वहां पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री चौहान ने उनकी अगवानी की थी। इसके बाद वे हेलीकॉप्टर से कूनाे राष्ट्रीय उद्यान पहुंचे थे।
वहीं इसके पहले नामीबिया से विशेष विमान भी आज सुबह ही ग्वालियर पहुंचा था, जिसमें चीतों को लाया गया था। ग्वालियर हवाईअड्डे पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में विमान से चीतों की शिफ्टिंग हेलीकॉप्टर में की गई और हेलीकॉप्टर की मदद से चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान पहुंचाया गया था। चीतों के कूनो पहुंचने के बाद मोदी ग्वालियर होते हुए श्योपुर आए थे।