प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार तड़के सऊदी अरब से अपना दो दिवसीय दौरा खत्म करके लौट आए हैं। पीएम मोदी की यह सऊदी अरब यात्रा कई मामलों में भारत के लिए महत्वपूर्ण रही है। चाहे आतंकवाद हो या व्यापारिक दृष्टि से। मंगलवार को भारत और सऊदी अरब ने तेल-गैस, रक्षा, नागर विमानन समेत विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
बहुचर्चित वैश्विक वित्तीय सम्मेलन में शामिल होने खाड़ी साम्राज्य के दो दिन के दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी ने सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर करीब से काम करने को लेकर विचार साझा किए।
सऊदी अरब में रूपे कार्ड शुरू करने के संबंध में भी एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। यहां 26 लाख भारतीय काम करते हैं। भारत से करीब दो लाख हाजी और तीन लाख उमराह तीर्थयात्री हर साल सऊदी अरब का दौरा करते हैं और रूपे कार्ड की स्वीकार्यता उन्हें सस्ते लेन-देन में मदद करेगी।
पीएम मोदी ने सऊदी से आतंकवाद पर दिया कड़ा संदेश, तिलमिलाया पाकिस्तान
जम्मू कश्मीर से मोदी सरकार के अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने रहनुमा रहे सऊदी अरब से समर्थन का प्रयास किया था। लेकिन सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज ने कश्मीर मसले पर पाकिस्तान का कोई साथ नहीं दिया। जबकि पीएम इमरान खान चाहते थे कि सऊदी अरब कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ दे। सऊदी अरब में पीएम मोदी और सलमान बिन अब्दुल अजीज ने सभी प्रकार के आतंकवाद की निंदा की और द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग बनाने पर सहमति जताई। पाकिस्तान का प्रमुख सहयोगी माने जाने वाला सऊदी अरब क्षेत्र को आतंकवाद मुक्त बनाने के भारत के अभियान में उसका पक्ष ले रहा है और इस चुनौती से निपटने के लिए पूर्ण सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई है। पीएम मोदी कि सऊदी अरब यात्रा से पाकिस्तान इस कदर तिलमिलाया हुआ है कि उसने सऊदी अरब को भी धमकी दे डाली है। हम आपको यहां बता दें कि पाकिस्तान सऊदी अरब से अरबों रुपये का कर्ज़ लेता आ रहा है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार