नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉजिस्टिक क्षेत्र की दिक्कतों से निपटने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान करते हुए कहा है कि भारत को विकसित देशों का प्रतिस्पर्धी बनना है इसलिए अपने उत्पादों को विश्व स्तरीय बनाकर दुनिया के बाजार पर हर क्षेत्र में कब्जा करना हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
मोदी ने शनिवार को विज्ञान भवन में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति की शुरुआत करते हुए कहा कि लॉजिस्टिक क्षेत्र को मजबूती देना समय की जरूरत है और इस क्षेत्र की हर चुनौती का समाधान जरूरी है। माल की समय पर ढुलाई कर के लॉजिस्टिक से जुड़ी दिक्कतों का खत्म होना आवश्यक है। इस क्षेत्र की दिक्कत खत्म होने से लोगों का समय और पैसा बचे इसलिए लॉजिस्टिक नीति होनी ही चाहिए। उनका कहना था कि अब लॉजिस्टिक नीति की शुरुआत हो चुकी है इसलिए लॉजिस्टिक कोस्ट को 13,14 प्रतिशत से घटाकर सिंगल डिजिट में लाना है।
उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक क्षेत्र में काम करने वाली विभिन्न इकाइयों के बीच परस्पर समन्वय होना चाहिए और उन्हें विश्वास है की राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति इस दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगी। उनका कहना था लॉजिस्टिक में यदि माल की ढउलाई में देरी होती है तो उसे माल की गुणवत्ता प्रभावित होती है और इससे समय के साथ ही धन की भी बर्बादी होती है इसलिए इस काम में सुधार करना समय की जरूरत है।
मोदी ने कहा कि भारत और दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य देर से हासिल हुआ है क्योंकि चारों तरफ नकारात्मकता का माहौल देश में रहा है लेकिन अब धीरे-धीरे स्थिति बदल रही है। समय कैसे बदलता है इस पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि कभी देश में कबूतर छोड़े जाते थे और आज चीते खुले में छोड़े जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश आज निर्यात के बड़े लक्ष्य तय कर रहा है। देश का विनिर्माण क्षेत्र तेजी से बदल रहा है और दुनिया भी भारत के विनिर्माण क्षेत्र में बढ़ते दबदबे को मान रही है। इसी तरह से अब लॉजिस्टिक को भी महत्वपूर्ण बनाना है क्योंकि माल की आवाजाही से ही विनिर्माण क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। लॉजिस्टिक के लिए जो राष्ट्रीय नीति बनाई गई है उसके लिए वह सब को बधाई देते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहां कि लॉजिस्टिक को महज कागज पर तय की गई नीति के रूप में नहीं लेना है और इसे गति से लागू करना है। उनका कहना था की इस नीति को अचानक लागू नहीं किया गया बल्कि यह आठ साल से लगातार की जा रही मेहनत का परिणाम है और इस नीति को लागू किया जा रहा है। उन्हें पूरा भरोसा है कि देश में इस नीति के कारण लॉजिस्टिक क्षेत्र में बहुत बड़ा बदलाव आएगा।
मोदी ने कहा कि लॉजिस्टिक गतिविधि को सुधारने के लिए देश में सागर माला,भारतमाला जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं और इसका लाभ देश को मिल रहा है। देश में पारिस्थितिकी के अनुकूल जलमार्ग बने हैं और कई अन्य बन रहे हैं। उनका कहना था कि लॉजिस्टिक क्षेत्र में बड़े स्तर पर निवेश के साथ ही इसमें नवीनतम तकनीकी का भी इस्तेमाल किया गया है और लॉजिस्टिक क्षेत्र के सामने आने वाली सभी चुनौतियों से निपटने के लिए सारे कारगर कदम उठाए गए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉजिस्टिक क्षेत्र में ड्रोन आने वाले समय में अहम भूमिका निभा सकता है। उनका कहना था कि परिवहन क्षेत्र में ड्रोन के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल से लॉजिस्टिक क्षेत्र को बहुत बड़ा फायदा होने वाला है। उनका यह भी कहना था कि ड्रोन के जरिए दूरस्थ क्षेत्रों में समय पर और आसानी से दवाई आदि पहुंचाई जा सकती है और दूसरे कार्य भी तत्काल किए जा सकते हैं। इस लिहाज से ड्रोन तकनीकी से आने वाले समय में लॉजिस्टिक क्षेत्र को बहुत बड़ा फायदा होने वाला है।
उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक की दर इस समय 13-14 प्रतिशत पर है और इस नीति के बाद इसे घटाकर सिंगल डिजिट में लाने का प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि एक डिजिटल प्लेटफॉर्म इसके के लिए तैयार किया गया है जिससे लॉजिस्टिक क्षेत्र में आने वाली हर दिक्कत का समाधान हो पाएगा।
उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक क्षेत्र को सबसे ज्यादा लाभ पीएम गति शक्ति योजना से मिल सकता है। पीएम गति शक्ति पोर्टल पर सारी सूचनाएं एक जगह है और इससे ढांचागत विकास का काम आसान हुआ है। उनका कहना था कि पहले परियोजनाओं को बिना सोचे समझे तैयार किया जाता था जिससे दशकों तक परियोजनाएं लटकी रहती थी और इसका सीधा नुकसान लॉजिस्टिक क्षेत्र को होता था।
उन्होंने कहा कि देश में विकास की जो गतिविधियां चल रही है उससे दुनिया का भारत के प्रति नजरिया बदल रहा है और बड़े देश भारत का मूल्यांकन करने लगे है। दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ा है और हमें विश्व समुदाय के इस भरोसे पर खरा उतरना है।