सोल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि ‘समय आ गया है’ कि मानवता में विश्वास रखने वालों को एक साथ मिलकर आतंकवाद के नेटवर्क और उनके वित्तपोषण की जड़ों को उखाड़ फेंकना होगा और आतंकवाद की विचारधारा तथा उसके प्रोपेगेंडा के खिलाफ एकजुट होना होगा।
मोदी ने शुक्रवार को दक्षिण कोरिया के प्रतिष्ठित सोल शांति पुरस्कार ग्रहण करने के बाद जनसमूह को संबोधित हुए यह बात कही। उन्हाेंने कहा कि ऐसा करके ही हम नफरत की जगह सद्भाव, विनाश की जगह विकास, हिंसा और प्रतिशोध के स्थान पर शांति पैदा कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि अच्छी शुरुआत करने से आधी लड़ाई जीत ली जाती है।
इससे पहले मोदी ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अब समय आ गया है कि वैश्विक समुदाय बातों से आगे बढ़कर इस समस्या के विरोध में एकजुट होकर कार्रवाई करे।
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 14 फरवरी को पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का नाम लेते हुए कहा कि इस तरह के निंदनयीय आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं, संयोजको, वित्तपोषकों और प्रायोजकों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
सुरक्षा परिषद ने एक प्रस्ताव पारित कर पुलवामा हमले की निंदा की और पाकिस्तान से आतंकवादी संगठनों के खिलाफ निर्णयाक कदम उठाने की बात कही। सभी देशों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और पुलवामा हमले के संदर्भ में भारत का सहयोग करने की अपील की।
मोदी ने कोरियाई प्रायद्वीप में शांति बहाली के दक्षिण कोरिया के प्रयासों की सराहना की। मोदी कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप में पिछले एक वर्ष में शांति की दिशा में प्रगति हुई है।
उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच परस्पर अविश्वास और संदेह को दूर करने में राष्ट्रपति मून ने अहम भूमिका निभाई है और इसके लिए उनकी सराहना की जानी चाहिए। मैं दोनों कोरियाई देशों और अमेरिका तथा उत्तर कोरिया के बीच जारी वार्ता को लेकर अपनी सरकार का सशक्त समर्थन व्यक्त करता हूं।
उन्होंने कहा कि सोल शांति पुरस्कार ग्रहण करने पर मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यह पुरस्कार भारत के लोगों को दिया गया सम्मान है।