अहमदाबाद | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई को विज्ञान का समर्पित सिपाही बताते हुये सोमवार को कहा कि उन्होंने अपने कौशल तथा नेतृत्व क्षमता से विज्ञान को नया आयाम दिया है।
विक्रम साराभाई के जन्म शताब्दी समारोह को वीडियो संदेश के जरिये संबोधित करते हुये मोदी ने कहा कि जब चंद्रयान-2 का लैंडर, जिसे डॉ. साराभाई के सम्मान में ‘विक्रम’ नाम दिया गया है, चाँद पर उतरेगा तो यह उस महान अंतरिक्ष वैज्ञानिक को करोड़ों भारतीयों की तरफ से सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि विक्रम साराभाई के आदर्श देश को भारत को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सशक्त देश बनने की दिशा में ले जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जाने-माने परमाणु वैज्ञानिक डॉ. होमी जहाँगीर भाभा के निधन के बाद विज्ञान के क्षेत्र में देश में एक रिक्तता पैदा हो गयी थी। उस समय डॉ. साराभाई ने अपने कौशल एवं नेतृत्व क्षमता से विज्ञान को एक नया आयाम दिया।
डॉ. साराभाई को विज्ञान का समर्पित सिपाही बताते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने विज्ञान के साथ-साथ भारतीय संस्कृति तथा संस्कृत भाषा को भी प्रोत्साहित किया। वह हमेशा अपने छात्रों को समय देते थे। उन्होंने अपने पीछे एक विरासत छोड़ी है जिसे आम लोगों तक ले जाना अब हमारी जिम्मेदारी है।