नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश में दूसरी बार लॉक डाउन बढ़ाना सराहनीय फैसला कहा जा सकता है क्योंकि पूरे दुनिया भर में कोरोना वायरस का कहर अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। हमारे देश में भी कोरोना वायरस के मामले पिछले दिनों तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। खासतौर पर छह राज्यों में स्थित बेहद ही ज्यादा खराब बनी हुई है। जिसमें महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश शामिल हैं।
पीएम मोदी ने इस बार लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया है। पीएम का यह फैसला देशहित में लिया गया सराहनीय कदम कहा जा सकता है। जबकि 21 दिनों तक लगाए गए लॉक डाउन में अर्थव्यवस्था बेहद ही भयावह रूप में आ चुकी है। इसके बावजूद पीएम ने अर्थव्यवस्था को दरकिनार कर लोगों की जान बचाने के लिए दूसरे लॉकडाउन का फैसला किया है।
यहां हम आपको बता दें कि भारत के साथ विश्व भर में कोरोना वायरस की न दवा है न कोई वैक्सीन अभी तक बन पाई है। इस महामारी से बचना है तो घरों में रहे, सोशल डिस्टेंस बनाए रखें और मास्क या रुमाल का चेहरे पर इस्तेमाल करें तभी इस खतरनाक वायरस से आप बचे रह सकते हैं। आज पीएम मोदी ने देश को चौथी बार संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के कहर से दुनिया के अधिकांश देश जूझ रहेे हैं। उन्होंनेे कहाभारत ने 550 केस रहने पर ही पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित कर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि समय से लॉकडाउन का फायदा यह हुआ कि पहले कई देश कोरोना संक्रमण के मामले में भारत के बराबर थे लेकिन आज ये देश हमसे काफी आगे निकल चुके हैं।
लोगों को इस खतरनाक वायरस से बचना है तो लॉकडाउन सबसे बेहतर उपाय
हम कह सकते हैं कि 21 दिनों का लॉकडाउन भारत के लिए अच्छा कहा जा सकता है। भारत में कोरोना वायरस के मरीज उतनी रफ्तार से नहीं बढ़े जितने कि अन्य देशों में बढ़े हैं। पीएम मोदी ने भी लॉकडाउन की प्रशंसा करते हुए आज देशवासियों से एक बार फिर इसके लिए तैयार रहने के लिए कहा है। करीब एक महीने पहले दुनिया के कई देश कोरोना संक्रमण के मामले में तकरीबन भारत के बराबर थे। आज उन देशों में कोरोना के केस भारत के मुकाबले 25-30 प्रतिशत ज्यादा हैं।
वहां कई लोगों की मृत्यु हो गई है। जब हमारे यहां कोरोना के सिर्फ 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन का एक बड़ा कदम उठा लिया था। पीएम मोदी ने कहा भारत ने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया, बल्कि जैसे ही समस्या दिखी उसे तेजी से फैसले लेकर उसी समय रोकने का प्रयास किया। भारत ने समग्र सोच न अपनाई होती, एकीकृत रवैया न अपनाया होता, तेज फैसले न लिए होते तो आज भारत की स्थिति कुछ और होती। लेकिन बीते दिनों के अनुभवों से ये साफ है कि हमने जो रास्ता चुना है, वह सही है।
भारत में अभी भी हालात नियंत्रण में कहे जा सकते हैं
कोरोना वायरस के कहर से पूरी दुनिया जूझ रही है और अब तक 195 से ज्यादा देश इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। चीन के वुहान से शहर से शुरू हुए कोरोना से अब तक इटली, फ्रांस, स्पेन, अमेरिका में हजारों लोग मारे गए और मौतों का यह सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि पीएम मोदी के लॉकडाउन के फैसले ने भारत में कोरोना के तेजी से प्रसार पर बड़ा ब्रेक लगा दिया।
भारत में कोरोना वायरस संकट को देखते हुए 24 मार्च से लॉकडाउन घोषित किया गया था। उस समय भारत में 550 केस थे जो आज बढ़कर 10, 500 के करीब हैं। आज अमेरिका, रूस इंग्लैंड ब्राजील, स्पेन, फ्रांस कोरोना के गढ़ बनते जा रहे हैं। कोरोना से बचने के लिए प्रत्येक भारतवासी को प्रधानमंत्री के बताए गए दिशा निर्देशों का पूरी तरह पालन करना होगा तभी हम इस वायरस को हरा सकते हैं।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार