उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के मूल निवासी आरिफ मोहम्मद खान पिछले कुछ वर्षों से पीएम मोदी के अधिकांश फैसलों का खुलकर समर्थन कर रहे थे, चाहे वह तीन तलाक का हो । नरेंद्र मोदी ने भी अब उनको वफादारी का इनाम दिया है ।
भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश पी. सदाशिवम की जगह केरल में नए राज्यपाल बने आरिफ मोहम्मद खान मुसलमानों में एक साथ तीन बार तलाक बोलकर पत्नी से संबंध खत्म करने की परंपरा के मुखर विरोधी हैं और लंबे समय से मुस्लिम पर्सनल लॉ में बदलाव की वकालत कर रहे हैं ।
शाह बानो मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का शुरुआती दिनों में राजीव गांधी सरकार द्वारा समर्थन किए जाने पर 1985 में संसद में खान का भाषण बेहद महत्वपूर्ण है । हालांकि, बाद में मौलवियों के कथित दबाव में आकर राजीव गांधी सरकार ने संसद में एक विधेयक पारित कर शाह बानो मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को अमान्य करार दिया । खान ने उसके तुरंत बाद मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था । उत्तर प्रदेश के राजनीतिज्ञ खान बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे लेकिन 2007 से वह राजनीति में सक्रिय नहीं थे । हाल ही में मोदी सरकार द्वारा तीन तलाक विधेयक लाये जाने पर खान ने उसका समर्थन किया था ।
कांग्रेस ने किया कटाक्ष
केरल के नए राज्यपाल के रूप में आरिफ मोहम्मद खान की नियुक्ति पर चुटकी लेते हुए कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह बिल्कुल ‘अपेक्षित फैसला है’ क्योंकि पूर्व केंद्रीय मंत्री द्वारा हाल में दिए गए बयानों से साफ हो गया था कि भाजपा उन्हें जल्दी ही पुरस्कृत करेगी ।
लेखक : शंभूनाथ गौतम