कांग्रेस पार्टी केंद्र की मोदी सरकार को देश में जारी आर्थिक मंदी को लेकर घेरने में जुटी हुई है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आर्थिक मंदी के साथ ही व्हाट्सएप जासूसी मामले में केंद्र सरकार पर हमला बोला है। नई दिल्ली में कांग्रेस पार्टी महासचिव और प्रभारियों की एक बैठक में सोनिया ने देश की खराब अर्थव्यवस्था होने पर पीएम मोदी से जवाब मांगा है।
सोनिया ने कहा कि मोदी सुर्खियां बटोरने एवं आयोजनों में व्यस्त है, देश में जबरदस्त आर्थिक मंदी पर क्यों नहीं जवाब दे रहे हैं। व्हाट्सएप जासूसी मामले पर पहली बार बोलते हुए सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियां न सिर्फ गैरकानूनी और असंवैधानिक हैं, बल्कि शर्मनाक भी हैं। सोनिया गांधी ने कहा एक नागरिक और जिम्मेदार विपक्ष के सदस्य के तौर पर मुझे भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति देखकर दुख होता है।
इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि सरकार इससे मानने को तैयार नहीं है। गंभीर मंदी को स्वीकारने और समग्र समाधान नहीं तलाश रही है। कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री की खराब अर्थव्यवस्था नीति से लाखों भारतीय नागरिकों खासकर बेरोजगार युवाओं और किसानों को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। एशिया-प्रशांत के 16 देशों के साथ प्रस्तावित आरसीईपी समझौते का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा सरकार के कई निर्णयों से अर्थव्यस्था को कम नुकसान नहीं हुआ था कि अब वह आरसीईपी के माध्यम से बड़ा नुकसान पहुंचाने की तैयारी में है।
कांग्रेस आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी (आरईसीपी) के मुद्दों को लेकर दिल्ली में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विशाल रैली करेगी। रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि इस रैली को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता संबोधित करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि रैली की तिथि बाद में तय की जाएगी।
हरियाणा-महाराष्ट्र चुनाव के बाद कांग्रेस सक्रिय, लेकिन नेतृत्व का संकट बरकरार
पिछले महीने 24 अक्टूबर को महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस पार्टी एक बार फिर आक्रामक के मूड में आ गई है। हरियाणा के चुनाव में कांग्रेस को मिली सीटाें से पार्टी के अंदर स्फूर्ति आ गई है। हालांकि हरियाणा में कांग्रेस सरकार तो नहीं बना पाई थी लेकिन वह सरकार बनाने की फाइट में थी। ऐसे ही महाराष्ट्र में कांग्रेस को उम्मीद से ज्यादा मिली सीटों पर भी कांग्रेस में उत्साह नजर आ रहा है।
अगर महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना की सरकार नहीं बनती है तो कांग्रेस राज्य सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। लेकिन अभी भी कांग्रेस पार्टी के अंदर कई नेताओं में असंतोष है। इसकी प्रमुख वजह है यह है कि यह नेता अपने केंद्रीय नेतृत्व को लेकर दुविधा में है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी रैली और जनसभाएं करने में इतनी सक्रिय नहीं हैं। कांग्रेस पार्टी अगर अपने वजूद में बनी रहना चाहती है तो पार्टी को जल्द ही केंद्रीय नेतृत्व को लेकर रणनीति बनानी होगी। इसकी जिम्मेदारी ऐसे लोकप्रिय नेता को देनी होगी जो जनता की नब्ज को भी जानता हो।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार