नई दिल्ली। फ्रांस से पांच राफेल विमानों की पहली खेप देश में पहुंचने के बीच कांग्रेस ने एक बार फिर इसकी कीमत को सार्वजनिक करने की मांग की है।
कांग्रेस महासचिव एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि एक राफ़ेल की क़ीमत कांग्रेस सरकार ने 746 करोड़ रुपए तय की थी लेकिन चौकीदार महोदय कई बार संसद में और संसद के बाहर भी मांग करने के बावजूद आज तक एक राफ़ेल कितने में ख़रीदा है, बताने से बच रहे हैं। क्यों? क्योंकि चौकीदार जी की चोरी उजागर हो जाएगी!! चौकीदार जी अब तो उसकी क़ीमत बता दें।
वर्ष 2019 के आम चुनाव में राफेल की कीमत का मुद्दा कांग्रेस ने जोरशोर से उठाया था। यहां तक कि यह मामला उच्चतम न्यायालय में भी पहुंचा था।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि आख़िर राफ़ेल फाइटर प्लेन आ गया। 126 राफ़ेल ख़रीदने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग ने 2012 में फैसला लिया था और 18 राफ़ेल को छोड़कर बाकी भारत सरकार की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में निर्माण का प्रावधान था। यह भारत के आत्मनिर्भर होने का प्रमाण था। एक राफ़ेल की क़ीमत 746 करोड़ तय की गई थी।
सिंह ने आगे लिखा कि मोदी सरकार आने के बाद फ़्रांस के साथ मोदी जी ने बिना रक्षा व वित्त मंत्रालय व कैबिनेट कमेटी की मंज़ूरी के नया समझौता कर लिया और हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का हक़ मार कर निजी कम्पनी को देने का समझौता कर लिया। राष्ट्रीय सुरक्षा की अनदेखी कर 126 राफ़ेल ख़रीदने के बजाय केवल 36 ख़रीदने का निर्णय ले लिया।