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भारतीय संस्कृति की आधुनिकता का प्रतीक होगा राम मंदिर : मोदी - Sabguru News
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भारतीय संस्कृति की आधुनिकता का प्रतीक होगा राम मंदिर : मोदी

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भारतीय संस्कृति की आधुनिकता का प्रतीक होगा राम मंदिर : मोदी

अयोध्या। देश दुनिया के करोड़ो रामभक्तों के राम मंदिर के सपने को साकार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अयोध्या में मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम का मंदिर समृद्धता से परिपूर्ण भारतीय संस्कृति की आधुनिकता का परिचायक होगा और मंदिर के बनने से न सिर्फ पौराणिक नगरी की भव्यता बढ़ेगी बल्कि इस क्षेत्र का पूरा अर्थतंत्र बदल जाएगा।

रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने बुधवार को कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया राष्ट्र को जोड़ने का उपक्रम बनेगी। मंदिर के बनने के बाद पौराणिक नगरी की न सिर्फ भव्यता बढ़ेगी बल्कि इस क्षेत्र का पूरा अर्थतंत्र भी बदल जाएगा। श्रीराम का मंदिर भारतीय संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा। यहां हर क्षेत्र में नए अवसर बनेंगे। पूरी दुनिया प्रभु राम और माता जानकी का दर्शन करने आएगी।

मोदी ने कहा कि राममंदिर के निर्माण की यह प्रक्रिया राष्ट्र को जोडऩे का उपक्रम है। यह विश्वास को विद्यमान से जोड़ने का, नर को नारायण से जोड़ने का, लोक को आस्था से जोड़ने का, वर्तमान को अतीत से जोड़ने का और स्वयं को संस्कार से जोडऩे का महोत्सव है।

उन्होंने कहा कि श्रीराम का संदेश है अपनी मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर होती है। यह भी श्री राम की नीति है भय बिन होय न प्रीति। देश जितना ताकतवर होगा उतनी ही शांति ही बनी रहेगी। राम की यही नीति यही रीति सदियों से भारत का मार्गदर्शन करती रही है।

उन्होंने कहा कि राम हमें समय के साथ बढ़ना सिखाते हैं, समय के साथ चलना सिखाते हैं। कोई भी दुखी ना हो, कोई भी गरीब ना हो, नर नारी सभी समान रूप से सुखी हों। जो शरण में आए उसकी रक्षा करना सभी का कर्तव्य है। महात्मा गांधी ने इन्हीं मंत्रों के आलोक में रामराज्य का सपना देखा था। राम का जीवन उनका चरित्र ही गांधी जी के राम राज्य का रास्ता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रभु राम ने लंका विजय के लिए समाज के हर वर्ग का साथ लिया। उन्होंने केवट से लेकर वनवासी बंधुओ को अपनी विजय का माध्यम बनाया। जिस तरह दलितों पिछड़ों आदिवासियों समाज के हर वर्ग ने आजादी की लड़ाई में गांधी को सहयोग दिया, उसी तरह आज देश भर के लोगों के सहयोग से राम मंदिर निर्माण का यह पुनीत कार्य शुरू हुआ है।

उन्होंने कहा कि आज भी भारत के बाहर दर्जनों ऐसे देश हैं जहां, वहां की भाषा में रामकथा, आज भी प्रचलित है। मुझे विश्वास है कि आज इन देशों में भी करोड़ों लोगों को राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू होने से बहुत सुखद अनुभूति हो रही होगी।

मोदी ने कहा कि विश्व की सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या वाला देश इंडोनेशिया है, वहां रामायण के कई रूप देखने को मिलते हैं। वहां भी राम आराध्य के रूप में पूजे जाते हैं और लोगों की आस्था उनमें है। दुनिया के न जाने कितने छोर हैं, जहां की आस्था में और न जाने कितने रूपों में राम को लोग आराध्य मानते हैं। अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर सिर्फ हमारे लिए नहीं, पूरी मानवता को प्रेरणा देता रहेगा क्योंकि राम तो सबके हैं, राम तो सबमें हैं।

उन्होंने कहा कि आज का दिन करोड़ों राम भक्तों के संकल्प के सत्यता का प्रमाण है। यह दिन सत्य अहिंसा आस्था और बलिदान को न्याय प्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है। भूमि पूजन का यह कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच हो रहा है।

श्रीराम के काम में मर्यादा का जैसा उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए देश में वैसा ही उदाहरण प्रस्तुत किया है। किसी मर्यादा का अनुभव हमने तब भी किया था, जब उच्चतम न्यायालय ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। हमने तब भी देखा था कैसे सभी देशवासियों ने शांति के साथ सभी की भावनाओं का ध्यान रखते हुए व्यवहार किया था। आज भी हम हर तरफ वही मर्यादा दे रहे हैं।

मोदी ने कहा कि इस मंदिर के साथ सिर्फ नया इतिहास ही नहीं रचा जा रहा है बल्कि इतिहास खुद को दोहरा भी रहा है। मंदिर का हमारी आस्था और राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा। यह मंदिर करोड़ों करोड़ों लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का भी प्रतीक बनेगा जो आने वाली पीढ़ियों को आस्था श्रद्धा और संकल्प की प्रेरणा देता रहेगा।

उन्होंने कहा कि भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए इमारतें नष्ट हो गईं, क्या कुछ नहीं हुआ, अस्तित्व मिटाने का हर कोई प्रयास हुआ लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं। राम संस्कृति के आधार हैं। भारत की मर्यादा हैं। इसी आलोक में अयोध्या में राम जन्मभूमि पर श्री राम के भव्य और दिव्य मंदिर के लिए आज भूमि पूजन हुआ है।

यहां आने से पहले मैंने हनुमानगढ़ी का दर्शन किया। राम के सब काम हनुमान ही तो करते हैं। राम के आदर्शों की कलयुग में रक्षा करने की जिम्मेदारी भी हनुमान जी की ही है। हनुमान जी के आशीर्वाद से श्री राम मंदिर भूमि पूजन का आयोजन शुरू हुआ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के समय कई कई पीढ़ियों ने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया था। गुलामी के कालखंड में कोई ऐसा समय नहीं था जब आजादी के लिए आजा आंदोलन ना चला हो देश का कोई भूभाग ऐसा नहीं था जहां आजादी के लिए बलिदान ना दिया गया हो। यह स्वतंत्रता की उत्कृष्ट भावना का प्रतीक था, ठीक उसी तरह राम मंदिर के लिए कई कई सदियों तक कई कई पीढ़ियों ने अखंड अविरत एक निष्ठा प्रयास किया। त्याग बलिदान और संघर्षों से आज यह सपना साकार हो रहा है।

उन्होंने कहा कि जो राम तुलसी और कबीर के समय से भजनों में विश्वास दे रहे हैं वहीं स्वतंत्रता आंदोलन के समय में महात्मा गांधी के वचनों में देशवासियों को शक्ति दे रहे हैं।
मोदी ने कहा कि वह खुद को सौभाग्यशाली समझते हैं कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इतने बड़े कार्य और राम मंदिर के शुभ भूमि पूजन के लिए उन्हें चुना।

करोड़ों लोगों को इस बात का विश्वास ही नहीं हो रहा होगा कि वो अपने जीते-जी इस कार्य को शुरु होते हुए देख रहे हैं। राम जन्मभूमि आज मुक्त हुई है और आज पूरा भारत राममय हो गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बरसों तक रामलला टेंट में रहे थे, लेकिन अब भव्य मंदिर बनेगा। उन्होने कहा कि गुलामी के कालखंड में आजादी के लिए आंदोलन चला है, 15 अगस्त का दिन उस आंदोलन का और शहीदों की भावनाओं का प्रतीक है। ठीक उसी तरह राम मंदिर के लिए कई-कई सदियों तक पीढ़ियों ने प्रयास किया है, आज का ये दिन उसी तप-संकल्प का प्रतीक है। राम मंदिर के चले आंदोलन में अर्पण-तर्पण-संघर्ष-संकल्प था।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन से पहले राम मंदिर की प्रतिकृति का पांच रूपये का पोस्टल स्टैंप जारी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर्नाटक से भेजी गई लकड़ी से निर्मित श्री राम की प्रतिमा भेंट की। इस अवसर पर मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए आधारशिला की पट्टिका का अनावरण किया।