नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर देश की जनता से लॉकडाउन के दौरान घरों पर ही रहने का आह्वान करते हुए कहा है कि घर से बाहर नहीं जाना ही इस बीमारी से बचने का एक मात्र विकल्प है।
मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र को संबाेधित करते हुए कहा कि यदि 21 दिन घरों के भीतर लॉकडाउन के दौरान इस विषाणु की चेन को नहीं तोड़ा गया तो देश 21 साल पीछे चल जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के बारे में आप यह भी देख रहे हैं कि कैसे दुनिया के समर्थ देशों को भी इस बीमारी ने बेबस कर दिया है।
ऐसा नहीं है कि उसके पास संसाधन नहीं है, लेकिन कोरोना वायरस के इलाज का एक मात्र रास्ता सोशल डिस्टेंसिंग यानी एक दूसरे से दूर रहना, अपने घरों में बंद रहना। कोरोना वायरस से बचने का इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है। इसके संक्रमण की साइकिल को तोड़ना ही होगा।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस गलतफहमी में हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग केवल बीमार लोगों के लिए है लेकिन यह सोचना सही नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग सभी के लिए है, प्रधानमंत्री के लिए भी है।
मोदी ने कहा कि देश के हर राज्य, केंद्र शासित प्रदेश, जिले, गांव, कस्बे, हर गली-मोहल्ले को अब लॉकडाउन किया जा रहा है। निश्चित तौर पर इस लॉकडाउन की एक आर्थिक कीमत देश को उठानी पड़ेगी लेकिन एक-एक भारतीय के जीवन को बचाना इस समय मेरी, भारत सरकार की, देश की हर राज्य सरकार की, हर स्थानीय निकाय की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
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