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मन की बात में बोले मोदी, नारी शक्ति की कोई सीमा नहीं - Sabguru News
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मन की बात में बोले मोदी, नारी शक्ति की कोई सीमा नहीं

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मन की बात में बोले मोदी, नारी शक्ति की कोई सीमा नहीं
PM Modi talks about women power in 2018's first edition of 'Mann Ki Baat'
PM Modi talks about women power in 2018's first edition of 'Mann Ki Baat'
PM Modi talks about women power in 2018’s first edition of ‘Mann Ki Baat’

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि महिला शक्ति द्वारा देश के सकारात्मक बदलाव में बहुत योगदान देखने को मिला है और नारी शक्ति की कोई सीमा नहीं है। अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात की 40वीं कड़ी में मोदी ने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की प्रगति की भी सराहना की और कहा कि संकल्प और इच्छाशक्ति के साथ कुछ भी असंभव नहीं है।

उन्होंने कहा कि मैं आपको बताता हूं कि एक बेटी 10 बेटों के बराबर है। जो पुण्य हम 10 बेटों से प्राप्त करते हैं, वह हमें केवल एक बेटी से प्राप्त हो सकता है। यह हमारे समाज में महिलाओं को दिए गए महत्व को रेखांकित करता है। यही कारण है कि हमारे समाज में महिलाओं को शक्ति का दर्जा दिया जाता है।

मोदी ने कहा कि भारत में महिलाएं हर क्षेत्र में प्रगति कर रही हैं और पूरे विश्व को चकित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पवित्र वेदों के कई छंद महिलाओं द्वारा रचे गए थे।

उन्होंने 2018 के अपने पहले रेडियो कार्यक्रम में कहा ​कि इस महिला शक्ति ने एकता के अक्ष पर समाज, परिवार को एक साथ बांधा है। फिर चाहे वे वैदिक काल की विदुषियों का ज्ञान हो। महिला शक्ति ने हमेशा हमें प्रेरित किया है।

मोदी ने गार्गी, मैत्रेयी, मीराबाई, अहिल्याबाई होलकर और रानी लक्ष्मी बाई का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने ( महिलाओं) हमेशा देश को गौरवान्वित किया है। मोदी ने इस मौके पर कल्पना चावला को भी याद किया।

उन्होंने कहा कि यह दुख की बात है कि हमने इतनी कम उम्र में कल्पना को खो दिया। उनका जीवन, उनका काम दुनिया भर की युवा महिलाओं के लिए एक संदेश है, खासकर भारत में, जहां नारी शक्ति की कोई सीमा नहीं है।

मोदी ने कहा कि अगर किसी के पास इच्छाशक्ति, दृढ़ता, और दृढ़ संकल्प है तो कुछ भी असंभव नहीं है।

उन्होंने गणतंत्र दिवस पर बीएसएफ महिला दल द्वारा साहसी स्टंटों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की महिलाओं ने ई-रिक्शा चलाकर खुद को आत्मनिर्भर किया है।

मोदी ने पद्म पुरस्कार विजेताओं की सराहना करते हुए कहा कि इनमें से कई ने बिना किसी सिफारिश के स्वयं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि कोई भी इस पुरस्कार के लिए किसी को नामांकित कर सकता है।

मोदी के अनुसार चयन प्रक्रिया में अब पारदर्शिता है। आम लोगों को पुरस्कार मिल रहे हैं। ऐसे लोग जो समाचार पत्रों, टीवी में नहीं दिखते हैं।

कर्नाटक के सितावा जोद्दती और केरल के लक्ष्मीकुट्टी की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा कि कई प्रतिभाशाली महिलाएं और पुरुष हैं, जिन्हें समाज में अकसर कोई पहचानता नहीं है और पहचान न मिलना समाज का नुकसान है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी द्वारा दिखाया गया शांति का मार्ग प्रत्येक व्यक्ति, परिवार और समाज के लिए है।

सरकार के जन आयुध केंद्रों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि 3,000 से अधिक केंद्रों पर उपलब्ध दवाएं बाजार में मौजूद ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत सस्ती हैं।

उन्होंने कहा कि इस कदम के पीछे का एकमात्र उद्देश्य गरीबों के लिए गुणवत्तापूर्ण और सस्ती स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।

उन्होंने महाराष्ट्र के अकोला शहर के उन हजारों लोगों के प्रयासों की सराहना की, जो लगातार मोरना नदी को साफ करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि आंदोलनों के माध्यम से बड़े पैमाने पर बड़े सामाजिक सुधार किए जा सकते हैं। यह अन्य नागरिकों को भी प्रेरित करेगा।