नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दस दिसंबर को अपराह्न एक बजे शुभ मुहूर्त में स्वतंत्र भारत में देश के वास्तुकारों एवं शिल्पकारों द्वारा निर्मित होने वाले संसद के नए भवन का शिलान्यास एवं भूमिपूजन करेंगे जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस और देश की विविधतापूर्ण सांस्कृतिक विरासत की अनूठी झांकी पेश करेगा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज सुबह मोदी से भेंट करके शिलान्यास का समय निश्चित किया। बाद में बिरला ने संवाददाताओं को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि मोदी 10 दिसंबर को अपराह्न एक बजे भूमिपूजन एवं शिलान्यास करेंगे। इस मौके पर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को निमंत्रित किया जाएगा। कोविड महामारी के कारण कुछ लोग प्रत्यक्ष और कई लोग वर्चुअल माध्यम से शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि नया संसद भवन आने वाले सौ वर्षों तक की जरूरतों को ध्यान में रख कर बनाया जा रहा है। ये भवन आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर वर्ष 2022 में अक्टूबर तक तैयार हो जाएगा और उसी वर्ष नवंबर दिसंबर में संसद का शीतकालीन सत्र संसद के नये भवन में होगा। उल्लेखनीय है कि 10 दिसंबर दिन गुरुवार अपराह्न एक बजे चित्रा नक्षत्र है और एकादशी की तिथि लग जाएगी।
उन्होंने कहा कि देश की 130 करोड़ जनता के लिए गौरव की बात है कि आजादी के बाद भारतीय शिल्पकारों एवं वास्तुकारों द्वारा आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना के अनुरूप देश की अलग-अलग विविधताओं को दर्शाने वाले कलाकृतियों से सुसज्जित लोकतंत्र का एक ऐसा भव्य मंदिर भवन बनाया जा रहा है जो समूचे विश्व में लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए प्रेरणापुंज का काम करेगा। उन्होंने कहा कि नया संसद भवन ईंट गारे का नहीं बल्कि 130 करोड़ भारतीयों की आशा आकांक्षाओं का प्रतीक है।
बिरला ने कहा कि लगभग 64 हजार 500 वर्ग फुट क्षेत्र में फैले नए संसद भवन के निर्माण में 2000 इंजीनियर और कामगार प्रत्यक्ष रूप से और 9000 कामगार परोक्ष रूप से जुड़ेंगे। देश भर के 200 से अधिक शिल्पी भी अपने कला कौशल का नमूना पेश करेंगे। नया संसद भवन पुराने संसद भवन से 17000 वर्गफुट बड़ा होगा। नये भवन में वाई फाई सहित अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। संसद के नए भवन के निर्माण का ठेका टाटा प्रोजेक्टक्स को दिया गया है।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भविष्य में लोकसभा और राज्य सभा सीटों की संख्या बढाए जाने की संभावनाओं के मद्देनजर लोकसभा में सांसदों के लिए 888 सीटें और राज्य सभा में 326 सीटें होंगी। वैसे लोकसभा में कुल सीटों की संख्या 1224 होंगी। श्रमशक्ति भवन की जगह सांसदों के लिए कार्यालय बनाए जाएंगे और वहां से नए संसद भवन तक भूमिगत पारपथ बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सांसद को 40 वर्गमीटर अथवा 400 वर्गफुट का कार्यालय दिया जाएगा जिसमें निजी सहायक के काम करने का चेंबर एवं सांसद के बैठने का स्थान होगा।
वर्तमान संसद भवन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वर्तमान भवन एक ऐतिहासिक धरोहर है जहां से आजादी की लड़ाई लड़ी गई और आजादी के बाद देश का संविधान लिखा गया। इस भवन में केन्द्रीय कक्ष अनेक ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी है। इसलिए इसे अच्छी तरह से सहेज कर रखा जाएगा। वर्तमान भवन को संग्रहालय बनाए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह निर्णय संसद की समिति करेगी।